shabd-logo

रेल से अजब निराली है

hindi articles, stories and books related to Rel se ajab nirali hai


रेल से अजब निराली हैइस काया की रेल - रेल से अजब निराली है|ज्ञान, धरम के पहिए लागे,कर्म का इंजन लगा है आंगे,पाप-पुण्य की दिशा मे भागे,२४ घड़ी ये खुद है जागे,शुरु हुआ है सफ़र अभी ये गाड़ी खाली है||इस काया की रेल ............एक राह है रेल ने जानाजिसको सबने जीवन मानाहर स्टेशन खड़ी ट्रेन हैअंदर आओ जिसको

संबंधित किताबें

संबंधित टैग्स

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए