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साजिश भाग

11 अगस्त 2024

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कड़ाके की सर्दी आने में अभी एक माह शेष था मगर फिर भी ठंड काफी हद तक दस्तक दे चुकी थी रात को तो काफी ठंड हो जाती थी आज इतवार का दिन था इसलिए मैं घर में सोफे पर बैठकर अपने मोबाइल में कुछ उंगलियां मार रहा था मैं एक टैक्सी ड्राइवर था मेरे पास खुद की एक टैक्सी थी मेरे गांव गोपालपुर और शहर के बीच में 20 किलोमीटर की दूरी थी मैं इसी रूट से यात्रियों को लाता और ले जाता था हालांकि इतवार को भी मैं चाहता तो जा सकता था लेकिन इस दिन कुछ खास मुसाफिर नहीं मिलते थे इसलिए मैं इतवार को छुट्टी लेना ही मुनासिब समझता था मेरी पत्नी अनाया रसोई घर में खड़ी होकर शायद चाय बना रही थी हालांकि पूरा तो मुझे भी नहीं मालूम था कि वह क्या कर रही है मैं तो बस बैठा बैठा खाली अनुमान लगाया जा रहा था इतने में रॉकी मेरे घर में आ घुसा रॉकी मेरा सबसे बड़ा जिगरी यार था वो भी मेरी तरह एक टैक्सी ड्राइवर था और उसके पास भी खुद की कार थी मेरी तरह वह भी इतवार को छुट्टी कर लेता था वह मेरे पास आया और बोला कैसे हो दोस्त विजय मैं तो बिल्कुल ठीक हूं तू बता अचानक  से यहां कैसे अरे कुछ नहीं यार बस घर पर बैठा अकेला बोर हो रहा था इसलिए सोचा चलकर भाभी के हाथ की चाय पी लेता हूं रॉकी के परिवार में और कोई भी नहीं था मैंने यूं ही मजाक में उससे कहा मुझे लगता है रॉकी तुझे भी शादी कर लेनी चाहिए रॉकी ने मेरी इस बात का कोई जवाब नहीं दिया और मुस्कुराते हुए मेरी पत्नी अनाया की ओर देखने लगा जो एक प्लेट में चाय के दो कप रखकर हमारी ओर बढ़ रही थी रॉकी को आए हुए अभी सिर्फ दो मिनट ही हुए थे अनाया ने इतनी जल्दी चाय कैसे बना ली मैंने तो चाय बनाने के लिए कहा भी नहीं था जैसे अनाया को पहले ही मालूम था  कि रॉकी आने वाला है इस तरह के विचार मेरे मन में चलने लगे लेकिन मैंने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया मेरी पत्नी ने कांच के टेबल पर हम दोनों दोस्तों के बीच चाय की प्लेट रख दी तभी रॉकी बोला नमस्ते बाभी ना जाने कब से आपके हाथों की चाय पीने का मन कर रहा था लव यू बाभी मैं यह सुनकर शक भरी निगाहों से रकी की ओर देखने लगा तभी वह फिर बोला लव योर चाय यह सुनकर मैंने थोड़ी ठंडक महसूस की रॉकी अब भी अनाया की ओर देखकर मुस्कुरा रहा था अनाया भी रकी की ओर देखकर मुस्कुराए जा रही थी ना जाने क्यों मुझे अनाया की यह मुस्कुराहट चुभ रही थी हम  दोनों ने चाय पी और कुछ देर बातें करते रहे इस तरह इतवार का दिन बीत गया सोमवार से फिर से मेरा वही टैक्सी ड्राइवर का धंधा चालू हो गया इसी तरह दिन बीत एक दिन मेरी पत्नी ने मुझसे कहा उसकी मां की तबीयत खराब है इसलिए उसे आज ही अपनी मां के पास जाना होगा लेकिन मैंने इस बात को अनदेखा कर दिया और रियान को फोन करना भी ठीक नहीं समझा मैं फिर शाम को अपनी पत्नी को शहर में छोड़ने के लिए जाने लगा आते वक्त मुझे रात हो गई थी शहर जाने का एक ही रास्ता था जिसे लोग खंजरी घाट कहते थे क्योंकि एक घाटी के पास सड़क का एक पूरा उबड़ खाबड़ यूटर्न आता था जहां चारों ओर नुकीले एक खंजर के जैसे तीखे पत्थर लगे हुए थे इस भूतिया और डरावने यूटर्न पर दो-तीन दिनों के अंतराल से अक्सर कोई ना कोई घटना होती ही रहती थी अगर कोई अनजान व्यक्ति इस सड़क पर आ जाए तो समझो उसकी तो मौत पक्की क्योंकि यूटर्न दूर से बिल्कुल भी नजर नहीं आता था और अगर किसी ने यू टर्न नहीं लिया तो वो नीचे घाट के घने जंगलों में गिर जाता था और हमेशा के लिए अपनी आंखें बंद कर लेता था लेकिन यहां से गुजरना तो मेरा रोज का ही धंधा था मैं इस रास्ते की हर एक कड़ी से परिचित था लेकिन फिर भी मुझे इस घाट के पास से गुजरते वक्त बहुत डर लगता था मैं धीरे-धीरे अपनी कार को चलाते हुए खंजरी घाट की ओर बढ़ता चला जा रहा था रात काफी हो चुकी थी चारों ओर सिर्फ अंधेरा नजर आ रहा था एक जानलेवा सन्नाटा हर ओर पसरा हुआ था कार की दोनों हेडलाइट चालू थी फिर भी सड़क पर अंधेरा नजर आ रहा था मुझे एक अजीब सी बेचैनी महसूस हो रही थी अचानक से मुझे सामने सड़क पर एक सफेद सी आकृति नजर आई दूर से सब कुछ धुंधला नजर आ रहा था फिर मुझे धीरे-धीरे सब कुछ साफ नजर आने लगा एक सफेद आकृति अपने दोनों हाथ लाकर आसमान की ओर मुह करके जोर से चीख रही थी और अचानक से वह सड़क पर पीठ के पल गिर गई यह देखकर उस ठंड की रात में भी मेरे पसीने छूट गए मेरा पूरा बदन कांपने लगा टांगे जवाब दे रही थी मैंने गाड़ी का ब्रेक लगाना चाहा लेकिन पैर इतने कांप रहे थे कि गलती से रेस पर पैर रख दिया मेरी कार 80 की स्पीड पर पहुंच गई मैं यह देखकर डर गया मेरी कार सड़क पर पड़े उस साय के बिल्कुल पास चली गई मैंने खुद पर काबू किया और जोर से कार का ब्रेक लगा दिया कार के ब्रेक इतनी जोर से लगे कि कार उसी जगह जम गई मेरा सिर स्टीयरिंग व्हील से जा टकराया और फट गया मैं उस सुनसान रात में बस बेहोश होकर रह गया कम से कम मुझे दो घंटे बाद होश आया मेरा शरीर अभी भी कपकप रहा था मैं लड़खड़ाते हुए अपनी से बाहर निकला सामने सड़क की ओर नजर दौड़ा दी लेकिन वहां कोई नहीं था मैंने दूसरी ओर नजर दौड़ाई लेकिन कहीं पर कोई भी नजर नहीं आया पूरे खंजरी घाट के आसपास कोई नजर नहीं आ रहा था मैंने डरते हुए कार स्टार्ट की और यूटर्न लेते हुए हॉस्पिटल की ओर चला गया मैंने अपनी पत्नी को भी इस दुर्घटना के बारे में बताया लेकिन उसने ने सिर्फ इतना ही कहा अपना ध्यान रखो उसने मुझसे ढंग से बात भी नहीं की जहां तक कि उसने मुझसे यह भी नहीं पूछा था कि मुझे कितनी चोट आई है लेकिन मैंने सोचा कि उसकी मां कुछ ज्यादा ही बीमार होगी और शायद वह उसी चिंता में डूबी हुई हो यह सोचते हुए मैंने इस बात को अनदेखा कर दिया रात के 12 बज चुके थे मैं अपने कमरे में अपने बिस्तर पर मजे से लेटा पड़ा था तभी मुझे दरवाजे के पास किसी के होने की आवाज आई मैं थोड़ा सा डर गया मैंने कमरे की लाइट चालू  की लेकिन वहां कोई नहीं था मैं कपकप आते हुए शरीर के साथ खड़ा हुआ और दरवाजे के पास चला गया मैंने डरते हुए दरवाजा खोला लेकिन बाहर कोई भी नहीं था अगर था तो सिर्फ एक काला अंधेरा और एक जान लेवा सन्नाटा जो किसी को भी डरा दे मैं डर गया दरवाजा बंद करके मैं फिर से अपने बिस्तर पर आकर लेट इसी तरह दो तीन दिन गुजरे मेरी पत्नी मुझे ले जाने के लिए कह रही थी वह दो तीन दिनों से मुझे कभी कॉल करती तो कभी मैसेज करती थी कि आई मिस यू रात के 10 बजे होंगे मैं अपने कमरे में अपनी चेयर पर बैठा आग की गरमाहट महसूस कर रहा था कल सुबह मुझे अपनी पत्नी को वापस लेकर आना था यह सोचकर मैं काफी खुश था अचानक से किसी ने दरवाजा खटखटाया मैं तरह से डर गया था बदन में एक अजीब सी सिहरन दौड़ने लगी मैं लड़खड़ाते हुए कदमों से दरवाजे की र बढ़ने लगा मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं दरवाजा खोलू या ना खोलू तभी फिर से किसी ने दरवाजा खटखटाया मैंने डरते हुए धीरे धीरे दरवाजा खोला और मैं दंग रह गया मेरा दोस्त रकी दरवाजे के पास खड़ा था वो बुरी तरह डरा हुआ था उसका बदन थरथर कांप रहा था जैसे कि कोई भूत देख लिया हो उसने अपने दोनों हाथ जोड़े और रोते बिलखते हुए बहुत ही दुख भरी आवाज में बोला मुझे बचा लो दोस्त मैं मरना नहीं चाहता वो दानव मुझे मार देगा मैं उसकी बातें सुनकर डर गया उसे अपने कमरे में लेकर आया और कुर्सी पर बिठाया और पूछा अरे क्या हुआ कौन मार देगा तुझे और तू किस दानव की बात कर रहा है रॉकी लड़खड़ा की आवाज में डरते हुए बोला वो दानव खंजरी घाट वाला दानव वो वो मेरे पीछे पड़ा है उसके मुंह से खंजरी घाट का नाम सुनकर मैं भी थोड़ा सा डर  मैं उसकी बातें सुनकर कुछ गुस्से में आकर जोर से बोला अरे तू साफसाफ बताएगा भी कि क्या हुआ है बताता हूं इतना कहकर उसने एक लंबी सांस भरी और बोला मैं मैं शहर से वापस आ रहा था तभी मुझे रास्ते में एक काला सा भयंकर आदमी दिखाई दिया इतना कहकर रॉकी चुप हो गया मैं फिर से गुस्से में बोला तूने कार रोकी हां रोकी थी तो फिर क्या हुआ उस काले आदमी ने मुझसे कहा कि अगर मैं आगे गया तो तो मारा जाऊंगा आगे एक बूढ़ा आदमी सड़क पर जा रहा है वो एक दानव है और और मुझे मार डालेगा लेकिन लेकिन मुझे हर हालत में अपने घर आना था मैंने उस काले आदमी से उस दानव से बचने का तरीका पूछा फिर उसने क्या कहा उसने कहा कि उस बूढ़े को अपनी कार में बिठा लेना और उससे एक शब्द कहना मौत यह सुनकर मैं भी थोड़ा सा डर गया और डरते हुए बोला फिर क्या हुआ रास्ते में उस बूढ़े व्यक्ति ने मुझे कार रोकने के लिए कहा व वो बूढ़ा बहुत खतरनाक लग रहा था उसके पास में एक काले रंग का बैग था वह कार के अंदर बैठ गया मुझे ऐसा लग रहा था जैसे बूढ़ा मुझे अभी मार डालेगा मैंने डरते हुए कहा  मौत इतना कहकर रॉकी खामोश हो गया मैं फिर गुस्से से बोला तो फिर क्या हुआ यह सुनकर वह बूढ़ा थरथर कांपने लगा और अपने दिल पर हाथ रख लिया और अपनी आंखें बंद कर ली आगे क्या हुआ मैंने जब कार रोक कर उसकी सांसे चेक की तो वह मर चुका था यह सुनकर मैं थरथर कांपने लगा मैंने डर के मारे उसकी लाश वही सड़क के किनारे फेंक दी वो बूढ़ा आदमी मुझे आते वक्त उस घाट के पास हर जगह खड़ा दिखाई दिया था वो मुझे अपनी बगल वाली सीट पर बैठा हुआ भी नजर आया था वह मेरे पीछे पड़ा है वह मुझे मार डालेगा दोस्त मुझे बचा ले मैं मरना नहीं चाहता वो वो अब भी यही कही है रोकी की यह बात सुनकर मैं थरथर कांपने लगा और डरते हुए अपने कमरे में चारों ओर अपनी नजर दौड़ा दी लेकिन वहां कोई नहीं था रॉकी अब भी बहुत डरा हुआ था और बार-बार दरवाजे की ओर देखे जा रहा था मैंने कुछ सोचते हुए उससे पूछा लेकिन वह बैग कहां है यह सुनकर रॉकी डर गया और बोला वह मेरी कार के अंदर ही है हो सकता है उसकी आत्मा उस बैग के पीछे पड़ी हो उस बैग में है क्या रकी डरते हुए कप कपाती आवाज के साथ बोला मुझे नहीं मुझे नहीं मालूम देख रकी आज नहीं तो कल पुलिस तुझ तक पहुंची जाएगी और फिर तुझे फांसी पर चढ़ा देगी अब तो बचने का एक ही रास्ता है वो क्या वो बैग वापस उसकी लाश के पास फेंका यह सुनकर रॉकी थरथर कांपते हुए बोला मैं मैं वहा वापस नहीं जाऊंगा प्लीज दरवाजा मत खोलना वो बूढ़ बाहर ही खड़ा होगा मुझे मुझे बहुत डर लग रहा है हालांकि डर तो मुझे भी बहुत लग रहा था शरीर पूरी तरह से बर्फ की तरह जम चुका था लेकिन मैंने कुछ साहस जुटा दे हुए कहा रॉकी तू फांसी से बचना चाहता है ना रॉकी ने कुछ जवाब दिए बिना हां मैं सिर हिला दिया तो चल मेरे साथ लेकिन लेकिन कहां वो बैग लेने के लिए मुझे बहुत डर लग रहा है अरे कुछ भी नहीं होगा तू चल मेरे साथ इतना कहकर मैंने उसका हाथ पकड़ा और दरवाजे के पास ले गया मैंने डरते हुए कपक पाते हाथों से दरवाजा खोला और चारों ओर नजर दौड़ाई बाहर कोई भी नहीं था सिर्फ काला अंधकार छाया हुआ था सामने रौके की कार खड़ी थी हम दोनों डरते हुए उस कार के पास गए कार की पीछे की सीट पर एक काले रंग का बैग रखा हुआ था मैंने खिड़की खोली वो बैग उठाया और हम दोनों डरते हुए तेजी से भागकर फिर से घर के अंदर घुस गए और दरवाजा बंद कर लिया मैंने उस बैग को देखते हुए कहा इस बैग में आखिर है क्या पैसे या कुछ और मैंने उस बैग को खोला उसके अंदर एक नया लैपटॉप था मैंने लैपटॉप चालू किया लेकिन उसमें पासवर्ड लगा हुआ था मैंने बहुत खोलने की कोशिश की लेकिन वह नहीं खुला यार गलत पासवर्ड लगाने से लैपटॉप खराब हो सकता है देख रॉकी जब तक य हमारे पास है तब तक हम मुसीबत में है पुलिस इस लैपटॉप के जरिए लोकेशन ट्रेस करके हम तक पहुंच सकती है हमें इस लैपटॉप को वापस उस लाश के पास रखकर आना होगा रॉकी ने हां में सिर हिला दिया मैंने फिर से वह लैपटॉप उस बैग में डाला और हम दोनों कार में आकर बैठ गए मैंने डरते हुए रॉकी से पूछा तू ड्राइव तो कर लेगा ना या फिर कार मैं चलाऊं रॉकी ने अपना पसीना पहुंचते हुए कहा इतना कहकर उसने कप कपा आते हाथों से स्टार्ट की और धीरे-धीरे चलाते हुए हम दोनों उस खूनी खंजरी ला घाट की ओर जाने लगे मेरे मन में अनेक सवाल चल रहे थे कि वह बूढ़ा व्यक्ति कौन था और मौत शब्द सुनते ही वह मर क्यों गया वह काला व्यक्ति कौन था इस लैपटॉप में आखिर क्या खास है वह काला व्यक्ति उस बूढ़े व्यक्ति से क्या लेना चाहता था क्या उसने दानव की झूठी कहानी बनाई थी यह पहेली मुझे कुछ कुछ उलझती हुई नजर आ रही थी मैं अचानक से अपने आप से बोल पड़ा साजिश यह सुनकर रॉकी थोड़ा सा डर गया और कार की गति और भी धीमी कर दी मैं रकी की ओर देखकर बोला मैं समझ गया कि उस आदमी को साजिश रचकर मारा गया था यह एक हत्या थी वह काला व्यक्ति जरूर इस बूढ़े व्यक्ति से बदला लेना चाहता था उसने पहले उस बूढ़े व्यक्ति को खूब डराया सड़क पर भगाया वह जानता था कि वह बूढ़ा दिल का मरीज है उसे पहले मौत का डर देकर खूब डराया गया और फिर उसने तुम्हारे मुंह से उस बूढ़े के सामने मौत शब्द बुलवाया क्योंकि अगर एक अनजान व्यक्ति यह बोलेगा तो बूढ़ा और भी ज्यादा डर जाएगा और उसे हार्ट अटैक आ जाएगा और वह मर जाएगा जो शायद उसके बोलने से ना आता और जैसा वह काला व्यक्ति चाहता था बिल्कुल वैसा ही हुआ उस बूढ़े व्यक्ति से बदला लेना चाहता था इसलिए उसने तुम्हें अपना मोहरा बनाया ऐसा करने से कोई सपने में भी नहीं सोच सकता था कि उस आदमी की हत्या हुई है कल सुबह पुलिस यह कहते हुए केस को बंद कर देगी कि उस बूढ़े को इस घाट में हार्ट अटैक आ गया था उस काले व्यक्ति ने दानव की झूठी कहानी तुम्हें सुनाई और एक खतरनाक साजिश रची इतना कहकर मैं थोड़ा सा मुस्कुराया और सोचने लगा कि उस काले व्यक्ति ने क्या खतरनाक साजिश रचकर उस बूढ़े को मारा है ताकि किसी को शक भी ना हो रॉकी यह सब सुनकर कुछ गंभीर हो गया और कार की स्पीड बढ़ा दी मैं यह सब कुछ देखकर बुरी तरह डर गया इससे पहले कि मैं कुछ बोल पाता रॉकी ने मेरे हाथ से वह बैग छीना और खिड़की खोलकर कार से बाहर कूद गया यह देखकर मैं बुरी तरह डर गया कार तेजी से नुकीले पत्थरों की ओर भागी जा रही थी मैं बर्फ की तरह जम चुका था शरीर को लकवा मार गया था मैं हिल भी नहीं पा रहा था कार लोटपोट होते हुए उन नुकीले पत्थरों से जा टकराई मैं कार के आगे के शीशे से टकराकर बाहर जमीन पर जा गिरा मेरे शरीर में हर जगह कांच चुप गया था खून बह रहा था असहनीय दर्द हो रहा था मैं बस जमीन पर बेजान पड़ा दर्द से कराह रहा था सब कुछ धुंधला सा नजर आ रहा था मेरे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा था मैंने अपनी आंखें बंद कर ली और कुछ देर बाद में अपने आप से बोला साजिश यह सब मुझे मारने की एक साजिश थी रकी मुझे मारना चाहता था उसने मुझे झूठी कहानी सुनाई और मुझे यहां पर लेकर आया उसने लैपटॉप का झूठा खेल रचा क्योंकि अगर लैपटॉप ही नहीं होता तो मैं शायद यहां पर कभी भी नहीं आता मैं लड़खड़ाते हुए शरीर के साथ खड़ा हुआ और धीरे-धीरे चलने की कोशिश करने लगा लेकिन रोकी ने यह सब किया क्यों अरे हां यह सब रकी और मेरी पत्नी अनाया ने मिलकर किया है वे दोनों आपस में प्यार करते थे इसीलिए अनाया मुझे अपने पास बुला रही थी वह भी चाहती थी कि मैं मारा जाऊं उन दोनों ने यह जाल बुना इसलिए उस दिन वो दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा रहे थे तभी मुझे कुछ याद आया और मैं खुद से बोल  पड़ा मैं कितना मूर्ख हूं जो इस साजिश को ना समझ सका और यही नहीं वो मुझसे कुछ रुपए उधार भी मांग रहा था ताकि वह एक लैपटॉप लेकर आ सके यह वही लैपटॉप था उसने मुझे इतना बड़ा धोखा दिया अब वो पुलिस से कह देगा कि विजय मेरी गाड़ी लेकर अपनी पत्नी को लेने के लिए गया था और रास्ते में उसका एक्सीडेंट हो गया पुलिस कुछ भी छानबीन नहीं करेगी और किसी को उस पर शक भी नहीं होगा मैं यह सब सोचते हुए लड़खड़ाते कदमों से सड़क पर आ गया शरीर से खून बह रहा था बहुत दर्द हो रहा था मैं अपने आप से बुदबुदा आया मुझे पहले सिटी हॉस्पिटल जाना चाहिए और अपना इलाज करवाना चाहिए मैं तेजी से सड़क पर सिटी हॉस्पिटल की ओर दौड़ने लगा बहुत दर्द हो रहा था कुछ दूर दौड़ने के बाद मैं सड़क के बीचोबीच खड़ा हो गया और अपने दोनों हाथ फैलाकर आसमान की ओर देखकर जोर से चिल्ला उठा और फिर अचानक से सड़क पर पीठ के बल गिर गया मुझे अचानक से याद आने लगा कि यह सब कुछ मैंने पहले भी कहीं देखा है तभी मैं अपने आप से बोल पड़ा अरे नहीं एक्सीडेंट वाले दिन एक सफेद परछाई इसी तरह सड़क पर गिर गई थी वो मैं ही था यह खंजरी घाटी मुझे मेरा भविष्य दिखा रही थी लेकिन मैं पागल कुछ समझ ही ना सका मेरे दिमाग में सिर्फ एक शब्द चक्कर काट रहा था और वो था साजिश मेरे शरीर से सारा खून बह चुका था सर फट चुका था मैं अब खड़ा भी नहीं हो सकता था शरीर पूरी तरह से जवाब दे गया था मेरी आंखें धीरे-धीरे बंद होने लगी मैंने अपनी आंखों को खोलने की पूरी कोशिश की पर अंत में मेरी आंख आख बंद हो गई हमेशा के लिए और इस तरह खंजरी घाट को एक नया शिकार मिल गया और साथ ही एक साजिश अंजाम तक पहुंच गई


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