shabd-logo

समर्पण

hindi articles, stories and books related to samarpan


चिंगारीयह कविता नहीं,चिंगारी है...फिर दिल दिल सेजाग उठेगीराष्ट्र पुरुष को स्मरते, स्मरतेइसकी अन्तिम सास रुकेगी ।। धृ ।।यह शब्दों का खेल नहींना कोई मनोरंजन की धारायह स्मरण है सब उनकाजिनका,राष्ट्र समर्पित जीवन सारा ।। १ ।।यह विचारोकी धारा हैराष्ट्रधर्म कि ज्वाला हैव्यक्

समर्पणमेरे समर्पण को मेरी दीवानगी ठहरा , आज तुम हँस लिए ,मगर ,यह वह आग है , जो अंधेरे को उजाले से मिला ही देगी।परमजीत कौर11 . 12 . 19

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए