दूसरे के भरे बटुए से अपनी जेब के थोड़े पैसे भले होते हैं। समझदार पराया महल देख अपनी झोंपड़ी नहीं गिराते हैं।। अपना सिक्का खोटा तो परखने वाले का दोष नहीं होता है। दूसरों का भाग्य सराहने वाला अपने भा
* क्या यह समझदारी है * ? ? ?हर समय समझदारी का बोझ लिये रहना (गंभीर बने रहना), क्या समझदारी है;हर बार समझदारी दिखलाते रहना, क्या समझदारी है। ???कुछ कुछ गलती करते रहना (सीखते रहना), भी समझदारी है;कभी कभी समझदारी न दिखलान
आराम से बैठ कर सोचिये…थोडा अतीत में जाइये, देखिये एक मस्तमोला इसान जो कभी आप हुआ करते थे, वो इंसानजो छोटी छोटी बातों में खुशियों को ढूढ लेता था ! जिसे किसी खास वज्ह की जरुरत नहीं होती थी, अपनों से पुराने दोस्तों से बात करने में ! अब हैं क्या आप वही ??? नहीं यही जबाब मिले