कैसे समझाऊ?देश विकाश कर रहा है, सोना आसमान छू रहा।किसी का आँख मुँह तिरक्षा, यह सेल्फी कह रहा।पानी जमीन का घटा, पानी चाँद की गोद मे दिख रहा।मानव कर प्रकृति को बर्बाद, रहने चाँद में जा रहा।दिल्ली का जाम झेला नही जाता, हैलीकॉप्टर की बात सुना रहा।कर आयुष्मनभारत का निर्माण, मना आँख के ऑपरेशन को कर रहा। क