यूपीएससी परीक्षा में उसे 85 वें रैंक (पूरे भारतमे)के साथ, “संजुक्ता पाराशर” एक आरामदायक डेस्क काम के लिए चुनी जा सकती थीं। जवाहरलाल विश्वविद्यालय से Ph.Dकरने के बाद औरदो साल बेटे के होने के बावजूद उन्होनें एक कठिन रास्ता चुना जैस्पर चलते हुए वो हर रोज आतंक से लड़ रही