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शायरी

3 सितम्बर 2021

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मेरे सर पर भी मुहोब्बत का ताज होता 
मेरी चाहत पर सबको नाज होता
तुम सिर्फ मेरे हो 
काश ये तुम्हारा अल्फाज होता।।

।। मुस्ताक अली शायर  ।।



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वाह, बहुत खूबसूरत अल्फ़ाज़👌

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