कुछ अपनी और कुछ कल्पना कर के लिखती हूँ ,
मैं कहानी ,कविता , शेर , गीत और गजल भी लिख लिया करती हूँ । अभी तो शुरूआत हैं ये , आगे शायद मेरी लेखनी में और निखार आ जायेगी ।
मैं एक विधार्थी हूँ ....
मुझे लिखना और पढ़ना पंसद है . . .
नारी है वो नारी
है वो ताड़न की अधिकारी
दो परिवारो को एक करने वाली
टूटे विश्वास को जोड़ने वाली
खुले मन से हँसने वाली
अपनी इच्छा को मारने वाली
आँसू को छूपाने वाली
दर्द में भी मुस्कुराने वाली