ब्रह्म पूर्ण है!यह जगत् भी पूर्ण है,पूर्ण जगत् की उत्पत्तिपूर्ण ब्रह्म से हुई है!पूर्ण ब्रह्म सेपूर्ण जगत् कीउत्पत्ति होने पर भीब्रह्म की पूर्णता मेंकोई न्यूनता नहींआती!वह शेष रूप में भीपूर्ण ही रहता है,यही सनातन सत्य है!जो तत्व सदा, सर्वदा,निर्लेप, निरंजन,निर्विकार और सदैवस्वरूप में स्थित रहताहै उस