shabd-logo

common.aboutWriter

no-certificate
common.noAwardFound

common.books_of

common.kelekh

जिंदगी विरान है

24 दिसम्बर 2017
0
0

जिंदगी विरान है कुछ रास्ते चाहिए मंज़िल की तलाश में निकले हैं कुछ पंछी रैनबसेरा चाहिए थक गया हूँ ऐ जिंदगी दो पल ठहर जाऊँ जी भर के देख लूँ मैं उनको बस थोड़ी मोहलत चाहिए जिंदगी में बहुत कुछ मिला बस नहीं मिला तो समय बस वो ही समय वापस चाहिए जब हँसते थे उनके साथ रिश्ते भी जब

उन्होनें मुझे पढ़ाया

10 नवम्बर 2017
2
0

उन्होनें मुझे पढ़ायामेरा मार्गदर्शन कियामुझे कैसे व्यवहार करते हैं ये सिखाया मुझे सिखाया तुम कैसे आगे बढ़ोगे जिंदगी की डगर परजिसमें काँटें बड़े हैं उन पर चलना कैसे है गिर कर संभालना कैसे है बुराई से कैसे बचना है ऐसी सब बातों का समाधान है जो उनके पढ़ने में हैं समस्याएँ बहुत हैं उलझने भी हैं चलना अकेले है

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए