28 जुलाई 2022
थोड़ा झुक जाओगे, पूछो न, क्या हो जाओगे ?आस्मां की तरह,धरती पर छा जाओगेबनके बरसोगे गर,बूंद जैसे जीवन केथोड़ा गिर जाओगे,पूछो न, क्या हो जाओगे ?बरखा की तरह,सृष्टि में समा जाओगेथोड़ा झुक.....जलके चमकोगे