मनुष्य अशेष भावनाओं से पोषित है, जो समाजिकता का आधार है, मनुष्य से मनुष्य की संलग्नता की ओर प्रेरित होता है और जीवन का प्रेरकत्व बनता है, इसी से समाजिकता का आविर्भाव होता है, हम जीवन के विसद आयामों से परिचित होते हैं, जिसकी अनुभूति से मनुष्यता के पथ पर पग बढ़ते है और आधारभूत स्वस्थ समाज की संरचना होती है, यही जीवन की सकारात्मकता है, हमारे लिए संकल्प-विकल्प का स्वरूप धारित करता है...
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