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Vipin Kumar Soni के बारे में

मैं विपिन कुमार सोनी, हिन्दी साहित्य में रुचि रखता हूं तथा कविता आदि का लेखन में प्रयासरत हूं.... आपसे जुड़कर साहित्य से जुड़ने का अवसर प्राप्त होगा...

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Vipin Kumar Soni की पुस्तकें

संकल्प-विकल्प

संकल्प-विकल्प

मनुष्य अशेष भावनाओं से पोषित है, जो समाजिकता का आधार है, मनुष्य से मनुष्य की संलग्नता की ओर प्रेरित होता है और जीवन का प्रेरकत्व बनता है, इसी से समाजिकता का आविर्भाव होता है, हम जीवन के विसद आयामों से परिचित होते हैं, जिसकी अनुभूति से मनुष्यता के पथ

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6 रचनाएँ

निःशुल्क

संकल्प-विकल्प

संकल्प-विकल्प

मनुष्य अशेष भावनाओं से पोषित है, जो समाजिकता का आधार है, मनुष्य से मनुष्य की संलग्नता की ओर प्रेरित होता है और जीवन का प्रेरकत्व बनता है, इसी से समाजिकता का आविर्भाव होता है, हम जीवन के विसद आयामों से परिचित होते हैं, जिसकी अनुभूति से मनुष्यता के पथ

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Vipin Kumar Soni के लेख

आगामी 15 अगस्त, 2022 को आजादी की 75वीं वर्षगांठ के शुभ सुअवसर पर "आजादी का अमृत महोत्सव" की श्रृंखला में राष्ट्रीय तिरंगे झण्डे पर आधारित...झण्डा गीत *********

8 अगस्त 2022
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लहर-लहर, लहराए तिरंगाफहर-फहर,फहराएं तिरंगापहला रंग, केसरिया इसकात्याग-तपस्या अर्थ है जिसकाभेंट चढ़ाकर जीवन अपनासम्मान बढ़ाएं हमसब इसका हरष-हरष, हरषाए तिरंगालहर-लहर, लहराए... दूजा

झण्डा गीत

3 अगस्त 2022
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आगामी 15 अगस्त, 2022 को आजादी की 75वीं वर्षगांठ के शुभ सुअवसर पर "आजादी का अमृत महोत्सव" की श्रृंखला में राष्ट्रीय तिरंगे झण्डे पर आधारित... झण्डा गीत*********लहर-लहर, लहराए तिरंगाफहर-फहर,फहराएं

... गुजर गया फिर से

29 जुलाई 2022
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कोई यूं रूठ कर गया, फिर सेएक लम्हा गुजर गया, फिर सेअश्क आंखों से मचल कर गिरतेगर उठ गयीं होती पलकेंकोई यूं मूंद कर गया, फिर सेएक लम्हा गुजर गया, ... तमाम शख़्स तो बैठे थे मगरउठ गयी महफ़िल फिर भीको

थोड़ा झुक जाओगे...

28 जुलाई 2022
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थोड़ा झुक जाओगे, पूछो न, क्या हो जाओगे ?आस्मां की तरह,धरती पर छा जाओगेबनके बरसोगे गर,बूंद जैसे जीवन केथोड़ा गिर जाओगे,पूछो न, क्या हो जाओगे ?बरखा की तरह,सृष्टि में समा जाओगेथोड़ा झुक.....जलके चमकोगे

परम आदरणीया लता मंगेशकर जी के 92वे जन्म दिवस के सुअवसर पर..... 

28 जुलाई 2022
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ईश्वर सत्य है, सत्य ही शिव है, शिव ही सुंदर है... सत्यम् शिवम् सुन्दरम्... की अनुगूंजित स्वर लहरी प्रातः की आत्ममुग्ध अनुभूति, तो भोर भये पनघट पे मोहे नटखट श्याम सताये से भोर का लुभावना अहसास व मन की

जीवन में कुछ...

28 जुलाई 2022
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जीवन में कुछ... जीवन में कुछ, यदि बननासबसे पहले, इक नदी बननासतत जीवन का, आधार हैं नदियाँजीवनभर जीवन की, गति बननानिकलना पडे़गा, तोड़कर पत्थरों कोचलना पडे़गा, सींचकर बंजरों

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