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थोड़ा झुक जाओगे...

28 जुलाई 2022

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थोड़ा झुक जाओगे, 
पूछो न, क्या हो जाओगे ?
आस्मां की तरह,
धरती पर छा जाओगे

बनके बरसोगे गर,
बूंद जैसे जीवन के
थोड़ा गिर जाओगे,
पूछो न, क्या हो जाओगे ?
बरखा की तरह,
सृष्टि में समा जाओगे
थोड़ा झुक.....

जलके चमकोगे गर,
दीप जैसे तूफां के
थोड़ा जल जाओगे,
पूछो न, क्या हो जाओगे ?
प्रेरणा की तरह,
दृष्टि में आ जाओगे 
थोड़ा झुक....

उठाके रखोगे गर,
शीश जैसे शहीदों के
यारा ! मिट जाओगे
पूछो न, क्या हो जाओगे ?
देवता की तरह,
व्यक्ति को भा जाओगे
थोड़ा झुक....

* विपिन कुमार सोनी (c)
27/28.12.1996, 23.09.1997
प्रयागराज(इलाहाबाद)

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