कृष्ण प्रेम व कृष्ण भक्ति पर आधारित त्रिशिका श्रीवास्तव 'धरा' द्वारा रचित 'धरा के गिरिधर'
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writtenbytrishikasrivastavadhara मैंने कितना ढूंढा उस को ब्रज, मथुरा, वृन्दावन में। अपने भीतर झाँख के देखा, श्याम था मेरे अंतर्मन में। साँझ को जमुना तट पर, वो मुरली मधुर बजाता था। मैं दौड़ी चली जा