हसरतें हमारे दिल में तमाम थी! जिसे हम अपना हम साया समझते थे! वो तो हरे नोटो की गुलाम थी! ,💔
बने थे हम आशिक उनके, मगरूर थे उनके प्यार में! हमें क्या पता था कत्ल करना है पेशा उनका! कत्ल खाने है उनके शहर के हर बजार में! कत्ल करते है, वो आशिकों का! हमारे जैस
आँखों को इंतजार है तेरा ! होठों पर बस नाम है तेरा ! इंतजार में तेरे ये पलके झुकती नहीं ! मैं कैसे मान जाऊ बेवफा यार है मेरा!