बने थे हम आशिक उनके, मगरूर थे उनके प्यार में!
हमें क्या पता था कत्ल करना है पेशा उनका!
कत्ल खाने है उनके शहर के हर बजार में!
कत्ल करते है, वो आशिकों का!
हमारे जैसे कई आशिक है उनके कतार में!
15 जून 2022
बने थे हम आशिक उनके, मगरूर थे उनके प्यार में!
हमें क्या पता था कत्ल करना है पेशा उनका!
कत्ल खाने है उनके शहर के हर बजार में!
कत्ल करते है, वो आशिकों का!
हमारे जैसे कई आशिक है उनके कतार में!
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नमस्ते पाठकों, pls मुझे फॉलो करें रेटिंग करें और अपने साथ जोड़े रखें,,,लिखा था कभी पैग़ाम उसको प्यार भरे दिल से,,, कुछ खास नहीं कमाता था में, वो कह गयी ऐसी में सोया करती हूँ में, तुम क्या खर्चा उठाओगे मेरा, डर जाओगे मेरे खर्चों और बिजली के बिल से🤣🤣🤣🤣 🤔🤔🤔🤔🤔🤔D