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तुम्‍ही हो मेरी जिन्‍दगी

7 सितम्बर 2021

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         तुम्‍ही हो मेरी जिन्‍दगी  

  

  

तुम जो हां कह दोगे इक बार ओ मेरे सनम  

तुम क्‍या जानो कि मेरी जिंदगी संवर जाएगी।1।   

  

तुम जो इक बार मुझे अपना ही कह दोगे सनम  

तेरे कदमों पे मेरी जिन्‍दगी गुजर जाएगी।2।  

  

तुम जो मेरी आंखों में इक बार निहारोगे सनम  

मेरी आखों में नयी रौशनी उतर आएगी।3।  

  

तुम जो कह दो कि मेरी आंखो के सपने हैं तेरे  

मेरी पलकें न खुलेंगी कई रातों के लिए।4।  

  

झांक कर तो देखो मेरी आंखो मे एक बार सनम   

भीग जाएंगी तेरी आंखे मेरे आंसुओं से सनम।5।  

  

तुम जो मेरे दिल पे अपना हांथ रख दोगे सनम  

दिल की धड़कनों को नयी जिंदगी यूं मिल जाएगी।6।  

  

तुम जो मेरे सीने से इक बार लिपट जाओगे सनम  

तेरी खुशबू से मेरी जिन्‍दगी महक जाएगी।7।  

  

हांथ रख कर तो देखो मेरे दिल पे ओ मेरे सनम  

दिल है मेरा मगर धड़कने तुम्‍हारी हैं।8।  

  

तुम जो अपने होठो से मेरे होठो को छू लोगे सनम  

मेरा खोया हुआ यौवन यूँ ही लौट आएगा।9।   

  

तुम जो अपनी जुल्‍फों को आसमां मे झटक दोगे सनम  

उन घटाओें मे कहीं बिजलियां चमक जाएंगी।10।  

  

तुम जो मेरे घर पे इक बार आ जाओगे सनम

मेरा ये सूखा हुआ घर भी चमन बन जाएगा।11। 


                                      ............... रवीन्‍द्र श्रीमानस 

                          मेरे काव्‍य संग्रह 'दास्‍तान ऐ प्‍यार' से । 






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