दास्तान ए प्यार बयां करने की जिद न करो
ये कोई गीत नहीं कि सुना दूं तुमको।
दिल की ये बात है होठों से न कह पाऊंगा
छू के मेरे दिल को इसे रूह से महसूस करो।।
5 सितम्बर 2021
दास्तान ए प्यार बयां करने की जिद न करो
ये कोई गीत नहीं कि सुना दूं तुमको।
दिल की ये बात है होठों से न कह पाऊंगा
छू के मेरे दिल को इसे रूह से महसूस करो।।
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अधिवक्ता, शिक्षक, कवि, लेखक, योगी, ज्योतिर्विद, यात्रिक एवं भोजनित्र। दिल्ली में वकालत एवं शिक्षण कार्य। मानस गीत मंजरी, एक वकील की बहस, मानस संस्क्रति, पुस्तके प्रकाशित। आध्यात्म दर्शन धर्म संस्क्रति योग एवं स्वास्थ्य विषयों पर अनेंक पुस्तको का लेखन पूर्ण। एक काव्य संग्रह एवं उपन्यास का लेखन जारी। मानस ईशास्था धर्म संस्क्रति के संस्थापक। सूर्याग्नि योग व सूर्याग्नि फिटनेस विन्यास के अविष्कर्ता। D