मिठी सोच
मीठे विचार!मैं अगर किसी के लिए भी अच्छा कर पाया हूँ तो समझूँगा की मैं माँ भारती के कर्ज से मुक्त हो पाया या कुछ अच्छा कर पा रहा हूँ तो इस जीवन के कर्ज से किसी ना किसी रूप से मुक्त हो रहा हूँ।और कोई भी अगर हमारे लिए कुछ अच्छा कर रहा है तो उनका कर्ज हमारे उपर आ रहा है जिसे हमें चुकाना चाहिये अपनी सामर