राज्य सेवा से सेवानिवृत्त एवं संस्कृत व हिंदी साहित्य में स्नातक
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सूबेदार अमरीक सिंह मेरी यह कहानी एक ऐसे वीर सैनिक की है, जिसने आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाकर रखे गए बच्चों को रिहा कराते हुए अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया था। सरदार अमरीक सिंह का जन्म अमृतसर के ए