स्त्री, कहने को भले ही एक छोटा सा नाम लेकिन मानो उसमें पूरा संसार समाया है। वह एक बेटी है, एक पत्नी, एक बहू और एक मां और न जाने कितने ही रूपों में वह अपने कत्र्तव्यों का निर्वहन चुपचाप करती है। फिर चाहे स्त्री गृहिणी हो या कामकाजी, वह दुनिया की एक ऐसी इंसान है, जिसके नसीब में कभी छुट्टी नहीं लिखी हो
आज अंतरराष्टीय महिला दिवस के दिन जब पूरे विश्व में महिलाओं की कामयाबी, उनके गुणों व क्षमताओं का बखान किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर फिर भी लोग मन ही मन एक बेटे की ही आस करते हैं। यह सच है कि आज के समय में स्त्रियों ने अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन हर मोर्चे पर किया है। मैरी काॅम से लेकर मानुषी छिल्लर, हि