आज सुबह में अपने भाई के घर पर रुका हुआ था मेरे भाई के आवास पर मित्र गण घूमते हुए मिलने आ गए ।सभी मित्रगणों से राम राम हुई ।हमने भाई लोगो को चाय पिलाई बातचीत की ,थोड़ी देर में एक सज्जन आए जिन्होंने गो माता को हरा चारा दिया और चपाती खिलाई।इस तरह से दूसरे दिन की शुरुआत हो गई ।दोपहर को मां चौथ के भंडारा की समिति के लोगो के साथ उस स्थान की व्यवस्था देखने चले गए। मां के भक्तो की सेवा करने का जो ।