14 अक्टूबर 2022
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गाँव की गलियों से खेतों खलिहानों से गुज़र कर स्वप्न नगरी मुंबई जहां सितारों की दुनिया से मेरा वास्ता हुआ। साहित्य, कला, संगीत जो ईश्वरीय उपहार स्वरूप जन्मजात मिला था, इन्हीं तीनों कश्तियों की सवारी करते हुए ज़िंदगी के कई साल गुजर गए। फिल्मी दुनिया मे अमूल्य 32 साल गुजारने के बाद उन्हीं खेत खलिहानों के गांव में पीपल की छाँव में वापस आकर इस समय तूलिका और रंगों से कैनवास पर दिल के जज़्बात उकेरते हुए अलग दुनिया में सफर कर रहा हूं।D