लमहो की शरारत थी जो हम वहक गए
तुम को तो माना यार तुम भी वहक गये
एक दर्द का रिश्ता कायम अभी भी हैं
तुम गैर होकर भी दिल मे वसे रहे।
मौजौ के क्षण दो चार जब कभी या द आते है
तुम पास हो मेरे कह के वो जाते है
अब छोड कर अहसास की अपनी डगर ईस बार
कह कर चले दुनिया से हम
तुम से हमें हैं प्यार