एक रोग सारी दुनिया कीदिखलाता है सच्चाई।जिन शहरों को अपना मानाउनमें ही ठोकर खाई।ऐसे उसने पैर पसारेकाम-धाम सब बंद हुएलोगों ने तेवर दिखलाएरिश्ते सारे मंद हुए।और गांव के कच्चे घर कीहूक हृदय में लहराई।जिन शहरों को अपना मानाउनमें ही ठोकर खाई।प्रेम फला-फूला करता थागाँव गली-घर-आँ
आज अंबे रानी माँ आयी हमरे गाँव में आज अंबे रानी माँ आयी हमरे गाँव में आज अंबे रानी माँ आयी हमरे गाँव में आज अंबे रानी माँ आयी हमरे गाँव में माँ ने डेरा डाला है माँ ने डेरा डाल है पीपल की छाव में आज अंबे रानी माँ आयी हमरे गाँव में आज अंबे रानी माँ आयी हमरे गाँव में अंबे माँ दुर्गे माँ अंबे माँ दुर्गे
दुर्गा भवानी आयी खुशियां हजारों लायी दुर्गा भवानी आयी खुशियां हजारों लायी सिंह सवारी करके मईया आयी रै भवानी आयी भवानी जगदम्बे जय जय अम्बे जगदम्बे जय जय अम्बे जगदम्बे जय जय अम्बे जगदम्बे जय जय अम्बे पुरे सांग क लिरिक्स देखने के लिए निचे लिंक पर क्लिक करे Durga Bhawani Aai Bhakti Bhajan Lyrics Hindi
मापनी- 22 22 22 22, समान्त- अत, पदांत- की"गीतिका"उग आई ऋतु है चाहत कीमत लाना दिल में शामत कीदेखो कितनी सुंदर गलियाँ खुश्बू देती हैं राहत की।। जब कोई लगता दीवाना तब मन होता है बसाहत की।।दो दिल का मिलना खेल नहींपढ़ना लिखना है कहावत की।।माना की दिल तो मजनू हैपर मत चल डगर गुनाहत की।।देखो कलियाँ चंचल ह