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"गीतिका"

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मापनी- 1222 1222 1222 1222, समांत- आर, पदांत- के वो दिन"गीतिका" भुला बैठे हमारे प्यार और इजहार के वो दिननहीं अब याद आते है मुहब्बत प्यार के वो दिनलिखा था खत तुम्हारे नाम का वो खो गया शायदकहीं पर शब्द बिखरे हैं कहीं मनुहार के वो दिन।।उठाती हूँ उन्हें जब भी फिसल कर दूर हो जातेबहारों को हँसा कर छुप गए

मापनी-1222 1222 1222 1222, समान्त- आर का स्वर, पदांत- हो जाना"गीतिका"अभी है आँधियों की ऋतु रुको बाहार हो जानाघुमाओ मत हवाओं को अजी किरदार हो जानावहाँ देखों गिरे हैं ढ़ेर पर ले पर कई पंछीउठाओ तो तनिक उनको सनम खुद्दार हो जाना।।कवायत से बने है जो महल अब जा उन्हें देखोभिगाकर कौन रह पाया नजर इकरार हो जाना

छन्द- सीता (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी - 2122 2122 2122 212 अथवा लगावली- गालगागा गालगागा गालगागा गालगा पारंपरिक सूत्र - राजभा ताराज मातारा यमाता राजभा (अर्थात र त म य र)"गीतिका" छा रही कैसी बलाएँ क्या बताएँ साथियोंद्वंद के बाजार मे

मापनी--212 212 212 212, समान्त— बसाएँ (आएँ स्वर) पदांत --- चलो "गीतिका" साथ मन का मिला दिल रिझाएँ चलोवक्त का वक्त है पल निभाएँ चलोक्या पता आप को आदमी कब मिलेलो मिला आन दिन खिलखिलाएँ चलो।।जा रहे आज चौकठ औ घर छोड़ क्योंखोल खिड़की परत गुनगुनाएँ चलो।।शख्स वो मुड़ रहा देखता द्वार कोगाँव छूटा कहाँ पुर बसाएँ

, आधार छंद--विधाता, मापनी- 1222 1222 1222 1222 समांत - आस, पदांत - होता है"गीतिका"उड़ा आकाश कैसे तक चमन अहसास होता हैहवावों से बहुत मिलती मदद आभास होता हैजहाँ भी आँधियाँ आती उड़ा जाती ठिकाने कोबता दौलत हुई किसकी फकत विश्वास होता है।।बहुत चिंघाड़ता है चमकता है औ गरजता घनबिना मौसम बरसता है छलक चौमास होता

मापनी, 2122 1212 22/112, समान्त- आर, पदांत- करते हैं"गीतिका" याद कर सब पुकार करते हैंजान कर कह दुलार करते है देखकर याद फ़िकर को आयीदूर रहकर फुहार करते है ।।गैर होकर दरद दिया होगा ख़ास बनकर सवार करते हैं।।मानते भी रहे जिगर अपनाधैर्य निस्बत निहार करते है।।लौट आने लगी हँसी मुँहपरमौन महफ़िल शुमार करते हैं।

मापनी- 22 22 22 22, समान्त- अत, पदांत- की"गीतिका"उग आई ऋतु है चाहत कीमत लाना दिल में शामत कीदेखो कितनी सुंदर गलियाँ खुश्बू देती हैं राहत की।। जब कोई लगता दीवाना तब मन होता है बसाहत की।।दो दिल का मिलना खेल नहींपढ़ना लिखना है कहावत की।।माना की दिल तो मजनू हैपर मत चल डगर गुनाहत की।।देखो कलियाँ चंचल ह

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