16/8/2022
प्रिय डायरी,
आज का शीर्षक है आजादी के नायक
ऐसा मानना है कि 75 वर्ष पूर्व अंग्रेजों के क्रूर शासन की सत्ता का हमारा भारत देश गुलाम था और प्रत्येक भारतीय निवासी उनकी यातनाओं का शिकार बन चुका था। इसलिए अंग्रेजों के शासन से मुक्त कराने के लिए अनेक क्रांतिकारी आगे बढ़ कर आए जिन्हें हम सब स्वतंत्रता सेनानी या आजादी के नायक कह सकते हैं। जिन्होंने भारत को आजाद कराने के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। उन्हीं स्वतंत्रता सेनानियों के कारण हम सब खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं।
ऐसे तो कई स्वतंत्रता सेनानियों के नाम जानते हैं जैसे-- सुभाष चन्द्र बोस, चंद्र शेखर आजाद, भगत सिंह, महात्मा गांधी आदि। लेकिन कुछ ऐसे भी जिनके नाम से हम सब परिचित नहीं है जैसे-- पोटी श्रीरामुलू जो महात्मा गांधी के समर्थक थे। सेनापति बापत जिन्हें सत्याग्रह में शामिल होने के कारण सेनापति की उपाधि प्राप्त हुई। मातंगिनी हाजरा जिन्होंने भारत छोड़ो आन्दोलन और सत्याग्रह आंदोलन में भाग लिया। तारा रानी श्रीवास्तव जो बिहार में अपने पति के साथ जुलूस में शामिल थीं और गोली लगने के कारण हो गई और फिर घाव पर पट्टी बांध बढ़ती रही और अंत में देश हित समर्पित हो गई। पीर अली खान ने 1857 में 14 अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ फांसी पर चढ़ा दिया था।
इसके अलावा बेगम हज़रत महल, अरुणा आसफ अली, भीकाजी कामा, कन्हैया लाल माणिक लाल मुंशी, कमला देवी चट्टोपाध्याय ने भी आजादी दिलाने में अहम योगदान दिया जिनको आजादी के नायकों की परिपाटी से कभी नहीं मिटा सकते।
धन्यवाद
अनुपमा वर्मा ✍️✍️