27/8/2022
प्रिय डायरी,
आज का शीर्षक है धार्मिक उन्माद,
धार्मिक उन्माद का अर्थ धर्म के नाम पर उन्माद अर्थात झगड़ा फैलाना। धर्म के नाम पर उन्माद फैलाने से आखिर किसका भला होता है। आपस में मिलकर नहीं रह सकते हैं।
हिन्दू धर्म में में वैमनस्य की भावना नहीं है किन्तु मुस्लिम समाज सदा से धर्म के नाम पर उन्माद फैलाने की कोशिश करता आ रहा है। बचपन से ही मुस्लिम समाज धर्म के प्रति कट्टरता सिखाता आ रहा है।
मुस्लिम समाज हिन्दू धर्म के लोगों से मित्रता का भाव न रख कर हिन्दू धर्म का मजाक बनाता चला आ रहा है और अगर हिन्दुओं ने कुछ प्रत्युत्तर में बोला तो उल्टा हिन्दुओं पर ही आरोप लगा कर उन्माद फैलाता जा रहा है कभी अपशब्दों के माध्यम से तो कभी पत्थर फैंक कर कभी तलवारें खिंच कर तो तो कत्लेआम मचा कर।
हकीकत यह है मुस्लिम समाज हिन्दू सौराष्ट्र को नहीं अपना पा रहा है और एक छत्र राज अपना बनाने की कोशिश कर रहा है कि हम हिन्दुओं का खात्मा हो जाए या उनके गुलाम बन जाए। किन्तु ऐसा होने वाला नहीं। हिन्दू अपना धर्म और राष्ट्र दोनों की रक्षा करना जानता है।
धार्मिक उन्माद फैलाने वाले लोगों के साथ सख्ती से पेश आए वह भी संविधान के अनुसार ताकि अपनी जड़ता और संस्कृति को भी बनाए रखे। हिन्दू धर्म किसी का बुरा नहीं चाहते और आपसी सहमति से रहना चाहते हैं किन्तु यदि धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के साथ सख्ती से पेश आना हो तो वह भी संविधान के दायरे में रहकर कर सकते हैं।
धन्यवाद
अनुपमा वर्मा ✍️✍️