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काव्या

anupama verma

20 अध्याय
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5 पाठक
31 अक्टूबर 2022 को पूर्ण की गई
निःशुल्क

स्वरचित कविताओं का संकलन 

kavya

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पुस्तक के भाग

1

जीवन

7 अक्टूबर 2022
7
1
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जीवन है एक अविरल धारा,सरल सुगम शांत सम गामी।होती है यदि उत्तेज उद्विग्न,उच्छखल जीवन पथ गामी।।जीवन है एक अविरल धारा,निश्छलता से ओत प्रोत मन।यदि जीवन हो विरह वेदना,दुख संतप्त में गुजरे जीवन।।जीवन न हो य

2

पेड़ पौधे

7 अक्टूबर 2022
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पेड़ पौधे खेत खलिहान,चहुंओर हरियाली छाई।प्रकृति की मोह माया में,रश्मि प्रभा सी लाली छाई।।सूर्य उदय की बेला में,निर्जल सी अविरलता छाई।किरणों ने छटा बिखेरी,धरा ने भी रौशनी बिखराई।।पंछियों ने पंख पसारे,आ

3

बेटियां

10 अक्टूबर 2022
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आन बान और शान बेटियां,मन का अभिमान बेटियां,देश का गौरव गान बेटियां,एकता की प्रतीक बेटियां,मात पिता का सम्मान बेटियां,

4

जिंदगी का चौराहा

17 अक्टूबर 2022
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जिंदगी का चौराहा,जहां रास्ते अनेक मिलते।किस रास्ते पर मंजिल,हम खुद ही तय करते।।जिंदगी का चौराहा,लोग अनेक मिलते हैं।किससे बात करनी है,हम खुद ही तय करते हैं।।जिंदगी का चौराहा,भीड़ में न गुम हो जाए।गुम ह

5

विश्वास की शक्ति

19 अक्टूबर 2022
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विश्वास की शक्ति ऐसी,देखती नहीं कोई प्रमाण।मन से मन में जुड़े हुए,होते हैं आधार प्रमाण।।विश्वास की शक्ति ऐसी,मन में विचारों का दर्पण।मन में आसक्त विचारों से,सहमत हो मंथन का दर्पण।।विश्वास की शक्ति ऐसी

6

जीवन की डोर

20 अक्टूबर 2022
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जीवन की डोर बंधी,रिश्तों के भंवर में फंसी।आशा और निराशा बीच,संबंधों की डोर में फंसी।।विश्वास और आस्था बीच,एक दूजे में पनपती रहे।हम सब साथ साथ रहे,विचारों का सम्मान भी रहे।।विचारों का दर्पण भी हो,शब्दो

7

राम नाम

21 अक्टूबर 2022
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राम नाम जपे रे बंदे,सब सुख तू पायेगा।राम नाम है सत्य का,ज्ञान मार्ग प्रशस्त होगा।।राम नाम जपे तू बंदे,संसार क्या जान पायेगा।कोई नहीं किसी का बंदे,यह सच्चाई जान पायेगा।।राम नाम जपे तू बंदे,मोह माया जान

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सत्य का मार्ग

23 अक्टूबर 2022
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सत्य का मार्ग प्रशस्त हो,राह अपनी अडिग रहे।पल पल जुड़ा सत्य से,मार्गदर्शन वही प्रशस्त रहे।।अनुसरण सत्यता का रहे,प्रयास भी वही सफल रहे।सत्य का मार्ग प्रशस्त हो,बुलंदियों को हम छूते रहे।।आदर्श आचरण व्यव

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दीपोत्सव

23 अक्टूबर 2022
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आई है शुभ दीपावली,पूर्ण हो सबकी मंगल कामना।घर घर दीपों की रोशनी,आस्था विश्वास और कामना।।श्रीराम के आगमन पर,अयोध्यावासी दीप जलाते हैं।घर घर धूम मची हुई,हर्षोल्लास से मंगल गाते हैं।।दीपों की पंक्ति सजाक

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भाग्य रेखा

26 अक्टूबर 2022
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किस्मत हमारी भाग्य से जुड़ी, या फिर होती ये मेहनत से। जीवन के पहलुओं को उजागर, करते फिर भाग्य या मेहनत से।। मेहनतकश इस जीवन में कुछ, आशा और निराशा का खेल। भाग्य में लिखा होता है अगर, बनता है ये किस्मत

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कलम की ताकत

26 अक्टूबर 2022
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कलम की ताकत कैसी, धार शब्दों में दो इस को। कैसे पन्नों पर उकेरती, शब्दों और अल्फाजों को। कलम की ताकत कैसी, शब्दों में व्यक्त करती है। अपने विचारों का दर्पण, जीवन का पाठ पढ़ाती है।। कलम की ताकत कैसी, व

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कभी खुशी कभी गम

26 अक्टूबर 2022
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कभी खुशी कभी गम, जुड़े हैं जीवन से हरदम। होते हैं जीवन के पहलू, अनुभव जीवन के हरदम।। मर्म जीवन का सिखाते, कर्मभूमि से जुड़े रहे हम। प्रयासों से मिलती राहे, प्रयासों से सफल हो हम।। नहीं है जीवन कोरी कल

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नारी

26 अक्टूबर 2022
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नारी तू ही नारायणी,मां, जननी, जगदम्बा।नारी से होता संसार,नारी की महिमा अपार।।नारी होती है स्वयं शक्ति,होते हैं इसके विभिन्न रूप।जरूरत खुद पहचानने की,होते हैं क्या इसके स्वरूप।।नारी दुर्गा नारी ही शक्त

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कड़ी तपस्या

28 अक्टूबर 2022
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कड़ी तपस्या से प्रसन्न हो,ईश्वर ने ये आशीर्वाद दिया।सदा ज्ञान का उपयोग करो,प्रभु सेवा सुश्रुषा नित्य करो।।कड़ी तपस्या से हम सब,आकाश को भी छू लेते।ज्ञान मार्ग प्रशस्त हो कर,जीवंत जोश हम भर देते।।कड़ी त

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परिश्रम का फल

28 अक्टूबर 2022
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परिश्रम का फल मिलता जरूर, मीठा फल इंसान चखता जरूर। परिश्रम अगर किया सही दिशा में, दिशा निर्देश इंसान बढ़ता जरूर।। यकीन करो न करो तुम प्रभु पर, कर्म भूमि से जुड़े हमेशा रहो तुम। राह अडिग कदम डगमगाए नही

16

क्रोध की ज्वाला

28 अक्टूबर 2022
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क्रोध की ज्वाला हममें,प्रज्ज्वलित करके रखनी।एक अग्नि से भस्म कर,दुश्मन को सबक सिखानी।।क्रोध की ज्वाला होती रहे,प्रस्फुटित हरपल हममें।दुश्मन का सामना करने की,लौ जगाए रखती हममें।।क्रोध की ज्वाला हममें,ल

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सफलता का स्वाद

28 अक्टूबर 2022
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सफलता का स्वाद चखा, वही जिसने संघर्ष किया। संघर्ष ही हमारा जीवन है, कार्यरत नित्य कर्म प्रयत्न है।। सफलता का स्वाद चखा, असफल जीवन से प्रेरणा ली। असफलता सफलता की जननी, कोशिश यूं ही प्रत्यनशील चली।। सफल

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रहस्यमयी सफ़र

29 अक्टूबर 2022
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रहस्यमयी सफ़र हो जहां, एक अनजानी डगर वहां। अनजान रास्ते रहस्यों भरी, आंखों में सजाए सपने भरी।। अनमोल सपने सच करने, अनजान डगर चलते जहां। रहस्यों से जुड़ी दुनिया में, हर मोड़ नया लगता जहां।। रहस्यों को

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हौसलों की उड़ान

30 अक्टूबर 2022
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हौसलों की उड़ान भरते ही, मंजिल पाने की चाहत होती। नित्य कर्म प्रयत्न शील रहते, कोशिशें ही कामयाब होती।। हौसलों की उड़ान भरते ही, कर्म भूमि से जुड़े रहते हम। आसमां छूने की कोशिश में, सूरज को भी छू लेते

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राष्ट्रीय एकता दिवस

31 अक्टूबर 2022
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राष्ट्रीय एकता दिवस पर्व को,हम भारतवासी शान से मनाते हैं।अनेकता में एकता का प्रतीक,हम मिलकर ही सब सिखाते हैं।।राष्ट्रीय एकता दिवस पर्व को,हम आन और शान से मनाते हैं।भाषाएं हो भले अनेक हमारी,राष्ट्रगान

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