आशिका श्रेष्ठ
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" मेरे अल्फ़ाज़ कुछ मुझ जैसे ही अधूरे है, कभी फुर्सत से पढ़ना, होते तुमसे ही तो पूरे है ",❤❤
Kavitakikalamse
लेखन सिर्फ कोई शब्दो का खेल नही है,ये वो ज़रिया है जिससे हम हर किसी के दिल तक पोहोच सकते है,क्योकि हालातों के रूप भले अलग होते हों लेकिन जज़्बात सबके एक से होते है।कोशिश रहेगी कि ऐसा कुछ लिख पाऊ जो कि आप लोगो के जहन तक पहोंचे ।
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<p> लेखन सिर्फ कोई शब्दो का खेल नही है,</p><p>ये वो ज़रिया है जिससे हम हर किसी के दिल तक पोहोच सकते है,</p><p>क्योकि हालातों के रूप भले अलग होते हों लेकिन जज़्बात सबके एक से होते है।</p><p>कोशिश रहेगी कि ऐसा कुछ लिख पाऊ जो कि आप लोगो के जहन तक पहोंचे ।