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कलयुगी अच्छाई

19 अप्रैल 2016

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आज बुलावा आया है,

मंत्री जी ने बुलाया है

बड़बोले जी, खुश हो नाचे 

ले चले वे चमचे, चाचे 

बोतल आज बंटेगी राजा

नोट भी खूब लहायेंगे,

कल बूथ कैप्चरिंग में

दंगल खूब मचाएंगे,

सौ लोगों का झुण्ड दिखाकर

मंत्री जी का पैर छुआ

फिर से आपहि बनें मंत्री,

करते थे सब यही दुआ

मंत्री जी की बत्तीसी,

बड़बोले जी का झोला,

पहले खुली उनकी,

फिर इन्होंने अपना खोला

घर ले आये माल सारा,

 रख दिया कहीं छुपाकर

एक चिठ्ठी लिखकर डाली,

चुनाव आयोग में जाकर

अगले दिन का हाल था यारों

वोट जहां थे पड़ने,

खबर विस्मयकारी फैली

कोई गया न भिड़ने,

कोई गया न भिड़ने

वहाँ पुलिस की कड़ाई थी

गलत वोट पड़ा नहीं कोई

बड़बोले जी की बड़ाई थी,

कलियुग में ऐसे ही दोस्तों ,

तुम अच्छा कर सकते हो

भेद वे ऐसा खोले जी

ये हैं अपने सबसे प्यारे 

अच्छे, न्यारे बड़बोले जी

कैलाश मणि त्रिपाठी की अन्य किताबें

19 अप्रैल 2016

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रचनाएँ
prabhavani
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शब्दों का कलरव
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कलयुगी अच्छाई

19 अप्रैल 2016
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आज बुलावा आया है,मंत्री जी ने बुलाया हैबड़बोले जी, खुश हो नाचे ले चले वे चमचे, चाचे बोतल आज बंटेगी राजानोट भी खूब लहायेंगे,कल बूथ कैप्चरिंग मेंदंगल खूब मचाएंगे,सौ लोगों का झुण्ड दिखाकरमंत्री जी का पैर छुआफिर से आपहि बनें मंत्री,करते थे सब यही दुआमंत्री जी की बत्तीसी,बड़बोले जी का झोला,पहले खुली उनकी

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गाँव की गरीब बुढ़िया

19 अप्रैल 2016
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19 अप्रैल 2016
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19 अप्रैल 2016
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