बिखरे हुए सपनों को फिर से सजाने के ख्वाब ना बुनो यारों !
बुना तो टूटी हुई मोतियों की माला को जाता है!
डोर और मोतियों का रिश्ता तो है सदियों पुराना!
टूटती है डोर तो मोती बिखर जाता हैं!
ये कलयुग हैं यारों!
यहाँ कौन मोती और डोर सा रिश्ता निभा पाता है!