जिदंगी जैसी है यारो; खूबसूरत है,है ख़ुशी की भी ग़मों की भी जरुरत है,ना चला है जोड़ जीवन में किसी भी वीर का,वक़्त के साम्राज्य में किसकी हुकूमत है ?बचपना, क्या बुढ़ापन,कैसी जवानी है,तेरी-मेरी, यार सबकी इक कहानी है,मुस्कुराहट खिल रही थी जिन लबों पे कल तलक ,आज उन आँखों में भी खामोश पानी है,था कही जिन आँखों
"अनकहे और अनछुए अहसासों से" निश्छल प्रेम छलकता है आँखों से