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"जीवन के रंग साहित्य के संग"

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साप्ताहिक लेखन प्रतियोगिता2022-03-27

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भँवर(उपन्यास)

भँवर(उपन्यास)

ईश्वर ने श्रष्ठी की श्रेष्ठ रचना की हैं।भिन्न-भिन्न प्रकार के जीव जन्तु बनायें है।सबसे प्रखर बुद्धि से परिपूर्ण विकसित मानव की रचना की हैं।अपनी बुद्धि, विवेक,साहस का प्रयोग करके असम्भव को सम्भव करने में सक्षम रहा है ।...और भविष्य में होता रहेगा। शदि

22 common.readCount
88 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 197/-

भँवर(उपन्यास)

भँवर(उपन्यास)

ईश्वर ने श्रष्ठी की श्रेष्ठ रचना की हैं।भिन्न-भिन्न प्रकार के जीव जन्तु बनायें है।सबसे प्रखर बुद्धि से परिपूर्ण विकसित मानव की रचना की हैं।अपनी बुद्धि, विवेक,साहस का प्रयोग करके असम्भव को सम्भव करने में सक्षम रहा है ।...और भविष्य में होता रहेगा। शदि

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भँवर "जीवन का जाल"(उपन्यास)भाग86

29 जुलाई 2022
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किसन:-जितना सरल दिख रहा है,उतना सरल नहीं हैं।जमींन पर आकृतियाँ कुछ और संकेत कर रही हैं।ध्यान से देखों...ऐसा लग रहा है कि शंतरज का खेल हैं।सब उन आकृतियों को देखने लगें।सामने दीवाल पर चेतावनी लिखी थी।"श

भँवर "जीवन का जाल"(उपन्यास)भाग85

29 जुलाई 2022
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वृंदा ने पाँच वर्ष में और व्यापक कर लिया था।शरीर में रेडिएशन जैसे घातक तत्व को भी खींचकर खतरा टालने में सुरक्षित था। उस प्रयोग को प्रधानमंत्री के समक्ष रखने की तैयारी कर रही थी।कृपा अंधूरी आशाओं को ले

भँवर"जीवन का जाल"(उपन्यास"भाग84

29 जुलाई 2022
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वृंदा ने पाँच वर्ष में और व्यापक कर लिया था।शरीर में रेडिएशन जैसे घातक तत्व को भी खींचकर खतरा टालने में सुरक्षित था। उस प्रयोग को प्रधानमंत्री के समक्ष रखने की तैयारी कर रही थी।कृपा अंधूरी आशाओं को ले

भँवर "जीवन का जाल"(उपन्यास)भाग83

29 जुलाई 2022
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वृंदा ने पाँच वर्ष में और व्यापक कर लिया था।शरीर में रेडिएशन जैसे घातक तत्व को भी खींचकर खतरा टालने में सुरक्षित था। उस प्रयोग को प्रधानमंत्री के समक्ष रखने की तैयारी कर रही थी।कृपा अंधूरी आशाओं को ले

भँवर "जीवन का जाल"(उपन्यास)भाग82

29 जुलाई 2022
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वृंदा ने पाँच वर्ष में और व्यापक कर लिया था।शरीर में रेडिएशन जैसे घातक तत्व को भी खींचकर खतरा टालने में सुरक्षित था। उस प्रयोग को प्रधानमंत्री के समक्ष रखने की तैयारी कर रही थी।कृपा अंधूरी आशाओं को ले

भँवर"जीवन का जाल"(उपन्यास)भाग81

29 जुलाई 2022
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वृंदा का संम्बाद सुनकर जन समुदाय की आँखे नम हो गई।गुरुजी ने कहा, वृंदा की भावनाओं का सम्मान करता हूँ।भारत में अनमोल धरोहर लक्ष्मी बाई,अब वृंदा भी हैं।मैं वृंदा और ख्याति के माता-पिता को धन्य समझता हूँ

भँवर "जीवन का जाल"(उपन्यास)भाग80

29 जुलाई 2022
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वृंदा का संम्बाद सुनकर जन समुदाय की आँखे नम हो गई।गुरुजी ने कहा, वृंदा की भावनाओं का सम्मान करता हूँ।भारत में अनमोल धरोहर लक्ष्मी बाई,अब वृंदा भी हैं।मैं वृंदा और ख्याति के माता-पिता को धन्य समझता हूँ

भँवर "जीवन का जाल"(उपन्यास)भाग79

29 जुलाई 2022
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वृंदा का संम्बाद सुनकर जन समुदाय की आँखे नम हो गई।गुरुजी ने कहा, वृंदा की भावनाओं का सम्मान करता हूँ।भारत में अनमोल धरोहर लक्ष्मी बाई,अब वृंदा भी हैं।मैं वृंदा और ख्याति के माता-पिता को धन्य समझता हूँ

भँवर "जीवन का जाल"(उपन्यास)भाग78

29 जुलाई 2022
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वृंदा का संम्बाद सुनकर जन समुदाय की आँखे नम हो गई।गुरुजी ने कहा, वृंदा की भावनाओं का सम्मान करता हूँ।भारत में अनमोल धरोहर लक्ष्मी बाई,अब वृंदा भी हैं।मैं वृंदा और ख्याति के माता-पिता को धन्य समझता हूँ

भँवर"जीवन का जाल"भाग77

29 अप्रैल 2022
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***** कृपा रामायण पढ़ रहा था।रिया बहू के साथ रसोई घर में थी।सास-बहू का तालमेल देखकर लगता नहीं था कि सास बहू हैं।माँ-बेटी बनकर काम कर रही थीं।कृपा के घर खुशियाँ ही खुशियाँ थी।सब अपने दायत्व को पूर्ण निष

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