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17 नवम्बर 2021

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हाथी का शरीर कितना भी बड़ा हो परन्तु एक छोटे-से अंकुश से नियंत्रित हो जाता है।

गजशरीरं कियदपि विशालमसस्तु , परन्तु केवलं एकेन लघ्वाज्रुशेन नियंत्रितो भवति।

एक दिया घने अन्धकार का नाश करता है , क्या अंधेरा से दिया बड़ा होता है?

 एक: दीप: सघनान्धकारं नशयति, चेत् दीपक: अन्धकारत् बृहद्दर: भवति वा ?

एक कड़कती हुई बिजली एक पहाड़ को तोड़ देती है , तो क्या बिजली पहाड़ जितनी विशाल है?

 एकं गर्जद्विद्युत् एकं पर्वतं भञ्जयति,चेत्किं विद्युत् पर्वतवत् विशालमस्ति ?

जी नहीं, बिल्कुल नहीं।
नैव,सर्वथैव नास्ति।

वही बड़ा है जिसकी शक्ति: छा जाती है।
स एव महान् अस्ति यस्य शक्ति: सर्वत्र व्याप्ता भवति।

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसका आकार बड़ा है और किसका आका छोटा है?

एतेन कश्चिदपि व्यतिरेकः न स्यात् यत् कस्य आकारः स्थूलः कस्य च आकारः कृशः?
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देववाणी संस्कृत
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देववाणी संस्कृत के लिए समर्पित।

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