हाथी का शरीर कितना भी बड़ा हो परन्तु एक छोटे-से अंकुश से नियंत्रित हो जाता है।
गजशरीरं कियदपि विशालमसस्तु , परन्तु केवलं एकेन लघ्वाज्रुशेन नियंत्रितो भवति।
एक दिया घने अन्धकार का नाश करता है , क्या अंधेरा से दिया बड़ा होता है?
एक: दीप: सघनान्धकारं नशयति, चेत् दीपक: अन्धकारत् बृहद्दर: भवति वा ?
एक कड़कती हुई बिजली एक पहाड़ को तोड़ देती है , तो क्या बिजली पहाड़ जितनी विशाल है?
एकं गर्जद्विद्युत् एकं पर्वतं भञ्जयति,चेत्किं विद्युत् पर्वतवत् विशालमस्ति ?
जी नहीं, बिल्कुल नहीं।
नैव,सर्वथैव नास्ति।
वही बड़ा है जिसकी शक्ति: छा जाती है।
स एव महान् अस्ति यस्य शक्ति: सर्वत्र व्याप्ता भवति।
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसका आकार बड़ा है और किसका आका छोटा है?
एतेन कश्चिदपि व्यतिरेकः न स्यात् यत् कस्य आकारः स्थूलः कस्य च आकारः कृशः?