ऋषियों की रहो पे चलना अपनी तो परिपाटी है
कण कण इसका शंकर जैसा ऐसी पावन माटी है
जीवन की रहो में जब भी दुःख की पीर सताती है
आदि कल से संत ऋषि की वाणी राह दिखाती है
हानी लाभ संग सुख और दुःख में जो इनको अपनाता है
इन राहों पे चलने वाला जीवन सुखी बनाता है
भौतिकता का वैभव तल में शिखर पे चमके ज्ञान है
अखिल विश्व में सबसे न्यारा अपना हिंदुस्तान है