बात यहाँ न हिन्दू की है बात नही इस्लाम की भारत माँ के बेटे है हम बात है उस सम्मान की
महाकाल के अंगने में तो सैफी वाद्य बजाता है /हाथ कगनिया लाख के कंगन मोहम्मद खान पकाता है /ख्वाजा के दर पर तो पूरा भारत शीश झुकाता है /लोटा बना मुरादाबादी गंगाजल भरवाता है /बैठ रहीम की गाड़ी में तो रामेश्वर तक जाता है /बद्रीनाथ टैक्सी ले जाती ऑपरेटर रहमान की /बात यहाँ न हिन्दू की है बात नही इस्लाम की /