Antika Prakashan
अंतिका प्रकाशन सिर्फ एक प्रकाशन नहीं साहित्य, संस्कृति और विचार की जनपक्षधरता के साथ पाठकीय विश्वास और आधार पर निरंतर कदम बढ़ा रहा एक मिशन है... अंतिका प्रकाशन के साथ जुड़े रहकर आप देश, समाज और साहित्यिक रचनात्मकताओं के साथ-साथ सांस्कृतिक जगत की वैचारिक हलचलों और सजगताओं से रू-ब-रू रह सकते हैं... हमारे लिए किताबों का प्रकाशन एक व्यवसाय मात्र नहीं, अपने समय की नब्ज टटोलने की कोशिश है और इस कोशिश में किताबों के साथ-साथ 'बया' और 'अंतिका' जैसी दो महत्त्वपूण पत्रिकाएँ भी आप तक पहुँचाते हैं। वेबसाइट : http://www.antikaprakashan.com/
कुछ भी तो रूमानी नहीं
भाषा-भाव-सूक्ष्मता-सांकेतिकता-दृष्टि और मौलिकता के लिहाज से परिपक्व मनीषा कुलश्रेष्ठ की समकालीन कहानियाँ
कुछ भी तो रूमानी नहीं
भाषा-भाव-सूक्ष्मता-सांकेतिकता-दृष्टि और मौलिकता के लिहाज से परिपक्व मनीषा कुलश्रेष्ठ की समकालीन कहानियाँ
रास्ते की तलाश में
हिंदी में बहुत श्रेष्ठ यात्रा-वृत्तांत लिखे गए हैं। यह एक ऐसी शैली में है जिसके माध्यम से लेखक आँखों देखी घटनाओं, स्थानों और व्यक्तियों को अपने शब्दों के माध्यम से पुनर्जीवित करता है। असगर वजाहत के यात्रा-वृत्तांत पाठकों को अपने साथ यात्रा पर ले जाते
रास्ते की तलाश में
हिंदी में बहुत श्रेष्ठ यात्रा-वृत्तांत लिखे गए हैं। यह एक ऐसी शैली में है जिसके माध्यम से लेखक आँखों देखी घटनाओं, स्थानों और व्यक्तियों को अपने शब्दों के माध्यम से पुनर्जीवित करता है। असगर वजाहत के यात्रा-वृत्तांत पाठकों को अपने साथ यात्रा पर ले जाते