घर में जहां एक तरफ न्यूज चल रही थी..
कोरोना की वैक्सीन अब भारत में भी उपलब्ध...मार्च महीने से लगना शुरू हों जायेंगी।।
वहीं दूसरी तरफ...
पायल,चूड़ी,की आवाजों से घर में अलग ही रौनक थी..रुद्र को ये आवाज़ हमेशा पसंद आई थी..लेकिन आज..कुछ अलग था...आज ये आवाज़ रुद्र के लिए नही थी.।।।
आज अन्वी..किसी और के लिए तैयार हुई थी..किसी और के सामने अच्छा दिखने के लिए..
रुद्र के दिमाग में अन्वी की कही बाते चल रही थी.. "माना रिद्धि के ससुराल वाले आने वाले हैं..लेकिन क्या पता कोई हैंडसम सा लड़का भी आ जाए...और मुझे पसंद कर ले..। मैं तो पक्का शादी के लिए मना नही करूंगी..।"
रुद्र को अच्छे से याद था की..अन्वी ने आज साड़ी पहनी है...जिसमे वो बहुत खूबसूरत लग रही है...अगर किसी भी लड़के ने उसे ऐसे देखा..तो शादी से मना कर ही नहीं पाएगा..।।
रुद्र को अब बैचैनी हो रही थी..क्योंकि जिस इंसान से वह प्यार करता है...वो इंसान किसी और का इंतजार कर रहा है..।
रुद्र अपने कमरे के बाहर दरवाजे के पास खड़ा था..अन्वी कुछ काम कर रही थी..और उसके ही तरफ आ रही थी..।
अन्वी जैसे ही रुद्र के करीब आई...रुद्र ने उसे उसके कंधो से पकड़ कर कमरे के अंदर कर लिया...और बोला "अन्वी...तुम जानती हो..फिर भी"
अन्वी अंजान बनते हुए "क्या जानते हैं हम?"
रुद्र ने अपना हाथ अन्वी के कमर पर रखा..और कहा "तुम्हे अच्छे से पता है..की हम तुमसे"
अन्वी का ध्यान रुद्र के हाथ पर गया ही नहीं था..और वो अब भी रुद्र जो कह रहा था..उससे अनजान बनते हुए कहती है "क्या कह रहे हैं..जल्दी कहिए..।"
रुद्र सोचने लगता है कि वो कैसे कहे...जिससे उसके हाथ अन्वी की कमर पर कोई ना कोई डिज़ाइन बनाने लगते हैं...और अन्वी को अचानक से महसूस होता है की उसकी कमर पर रुद्र का हाथ है...।
अन्वी अपने मन में"आज सूरज कहां से निकला है.??...इन्होंने खुद हमारी कमर पर अपना हाथ रखा...।"
अन्वी रुद्र के माथे पर हाथ रख कर उसका तापमान चेक करते हुए "आपको बुखार तो नही है ना..?"
रुद्र जो सोच रहा था...उससे हट कर.. अन्वी को देखकर कहता है "नही तो।"
अन्वी फिर से एक सवाल पूछती है "आपने भांग तो नही पिया है ना?"
रुद्र फिर से "नही।"
अन्वी बाहर देखते हुए चिल्लाती है "अम्मा जी...अम्मा जी..देखिए..आपके पोते को का हुआ है...लग रहा है कोई.. कोई जादू टोना कर दिया है ।"
रुद्र अन्वी को चिल्लाता देख..उसके मुंह पर अपना एक हाथ रखता है..और बोलता है "क्या कर रही हो..हम तुमसे बात कर रहे हैं..तो तुम अम्मा को काहे बुला रही हो..?"
अन्वी हैरानी के साथ रुद्र से कहती है "आपने पहली बार हमारी कमर पर हाथ रखा है। कहीं सच में कोई जादू टोना तो नही किया ना...या...या आपके अंदर किसी और की आत्मा आ गई..किसी शैतान की..जिस लड़कियो में दिलचस्पी हो..नहीं नहीं..।"
रुद्र उसकी बाते सुनते ही पहले उसकी कमर से अपना हाथ हटाता है..फिर कहता है"तुम समझ नही रही हो...हमे क्या कहना है..।"
अन्वी रुद्र के थोड़ा करीब आते हुए क्या कहना है "आपको?"
रुद्र कहता है "अन्वी..हमे समझो...हम तुम्हे.."
इससे पहले कि रुद्र कुछ और कहता...रूपाली जी ने चिल्लाते हुए कहा "अरे उनकी गाड़ी आ गई...सब काम हुआ या नहीं"
अन्वी ये सुनते ही बाहर जाते हुए बोली "देखिए आंटी जी बुला रही हैं...अब आप...जो भी कहना है..बाद ने कहिएगा..।।"
रुद्र कुछ भी नहीं बोल पाया..और बस अन्वी को जाते हुए देख रहा था..।।
थोड़ी देर बाद...
रिद्धि के ससुराल वाले...शादी की बाते कर रहे थे....।
क्या कब होगा...कहां होगा...और किस में कितना समय लग सकता है...।।
रुद्र अपने जीजाजी...वैसे तो रिद्धि रुद्र से छोटी है..लेकिन रुद्र ने अब तक की फोन पर हुई बात ने अमन को जीजाजी ही कहा था..जो अमन को बिल्कुल नहीं पसंद था..।।
अन्वी अब तक किसी के सामने नहीं आई थी..वो बस रसोई में रहकर सब कुछ बता रही थी..कब क्या लेकर जाना है..।
वहीं बहार...
रुद्र अमन से "जीजाजी..आपके कोई भाई बहन नहीं है??"
रुद्र ने इस परिवार के बारे में हर चीज जानी..जिसमें ये भी था कि अमन की एक छोटी बहन है..लेकिन उससे कभी किसी ने बात नहीं की है...नाही रिद्धि ने...और ना ही रुद्र की मां रूपाली जी ने..
अमन और उनकी मां..आरती जी..एक दूसरे को देखने लगे..
तभी शशांक जी अमन के पापा..ने कहा.."है ना..हमारी एक प्यारी सी गुड़िया है...उसे ज्यादा भीड़ नहीं पसंद है... इसलिए वो नहीं आई कभी...।।"
रुद्र और रूपाली जी बस हां के दिएं..
अमन अभी यहां वहां देख रहा था...शायद वह रिद्धि को ढूंढ रहा था जो अब तक सामने नहीं आई थी।।
अमन को यहां देखते हुए रूद्र ने देख लिया और कहा "जीजा जी क्यों नहीं आप रिद्धि से मिल लीजिए।।"
अमन रिद्धि से मिलने के लिए बेताब नही था पर उसे यहां थोड़ा अजीब लग रहा था तो उसने कहा "हां ज़रूर।"
वह रुद्र के साथ चला गया।
रुद्र अमन को उस कमरे में ले गया जहां रिद्धि थी..अमन इतने वक्त बाद रिद्धि को देखकर बहुत खुश था रूद्र ने कुछ नहीं कहा और चुपचाप चला गया वहां से ।।
अब कमरे ...
अमन रिद्धि से पूछता है "तो आप शादी के लिए हैं तैयार?"
रिद्धि चुपचाप फर्श को देखे जा रही थी जैसे वह फर्श नहीं कोई पेंटिंग हो जिसमें हजारों राज़ छुपे हुए हो।।
अमन रिद्धि से बोलता है "मैंने कुछ पूछा आपसे.."
रिद्धि अमन की तरफ देखती है और पूछती है " आप तैयार हैं ?"
अमन रिद्धि रिद्धि का सवाल सुनकर कहता है "तुमने मेरा ही सवाल मुझ से ही पूछा है।"
रिद्धि उसे बताते हुए कहती है "ऐसा नहीं है बात यह है ना कि अम्माजी की तबीयत ठीक नहीं रहती है और उनकी आखिरी इच्छा है कि हमारी शादी हो जाए और भाई की भी लेकिन अभी भाई शादी करेंगे नहीं तो हम मना नहीं कर सकते इसके लिए..।"
अमन ये सब सुनकर शादी के लिए हां कहने की वज़ह जान चुका था उसने सोचते हुए कहा "हम्म...तो आप पर शादी के लिए दबाव बनाया गया है।"
रिद्धि उसकी बात सुनकर अपना जवाब देती है " बात दबाव की नहीं है...आप एक अच्छे लड़के है..आपका परिवार अच्छा है..हमे और चाहिए ही क्या।"
अमन बहत ही गंभीर होता है और कहता है "मै हमारा भविष्य नहीं बता सकता.. लेकिन इतना कह सकता हूं..की मै आपको हमेशा खुश रखूंगा..आप पर कभी कोई परेशानी नहीं आने दूंगा..।।"
रिद्धि अमन की बात सुनकर भावुक हो गई और उससे बोली "मै भी आपसे इतना कह सकती हूं कि मै आपकी और आपके परिवार की हमेशा इज्ज़त करूंगी।।"
अमन को आगे कुछ नहीं कहना था इसलिए वह बाहर जाने लगता है बाहर जाते ही वह किसी से टकरा जाता है ...।।
वह लड़की जो गुलाबी साड़ी में किसी परी से कम नहीं लग रही थी थोड़ा गुस्से में अमन से कहती है "भगवान ने आपको आंखें नहीं दी है ?"
अमन उस लड़की की तरफ देखे बिना अपने कपड़ों को देखता है...जिसपर मिठाई की चाशनी लग गई थी.. और बोला " भगवान ने आपको भी तो आंखें दी हैं...उसका इस्तेमाल करें..वरना जंग लग जाएगी..।"
अन्वी ने अमन की तरफ अपना सर उठाकर देखा.और देखकर वह चुप हो गई..
अन्वी का मन कुएं में कूदने का कर रहा था...जिसका उसे डर था वहीं हुआ..।।
अन्वी बिना कुछ बोले अमन को कमरे के अंदर करती है...।।
रिद्धि अमन को दुबारा आता देख हैरान हो गई थी..लेकिन वहीं..वह अन्वी को भी आता देखती है... जिसके बाद रिद्धि अपने मन में...क्या अन्वी और ये...ये दोनों किसी रिश्ते में थे???।।।।।
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