ये कहानी हैं राघव और रिबिका की जो दोनों ही अपनी अलग अलग दुनिया से हैं | राघव जहाँ पर ढेर सारे दोस्त बनता हैं वही पर रिबिका को दोश्ती से दर लगता हैं | एक दूसरे से नफरत नफरत करते करते कब प्यार हो गया इस बारे में दोनों को पता ही नहीं लगा पर एहसास हो चूका था की दोनों ही अब एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते | राघव अपनी फीलिंग्स को एक्सेप्ट कर चूका था पर रिबिका ये एक्सेप्ट नहीं करना चाहती थी वो समझती थी की जो उस के साथ पहले हुआ हैं मोहब्बत के नाम पर कहीं वो फिर से न हो जाये | एक दूसरे की मोहब्बत समझते हुए भी दोनों में दूरिया थी || जब तक रिबिका को इस बात का एहसास हुआ की राघव उससे सच्ची मोह्हबत करता हैं तभी किसी ने राघव की वो सच्चाई रिबिका को बताई जो राघव ने रिबिका से से छुपाई हुयी थी | सच्चाई सूनने के बाद रिबिका को ऐसा लगा की शयद वो फिर धोखा ही खायेगी और इसलिए वो शादी से मंडप से उठ कर भाग जाती हैं || आखिर राघव और रिबिका एक हो पाएंगे | जहाँ पर रिबिका अपने पहले से बदला ले रही हैं क्या वहीँ वो अपने दूसरे प्यार को एक और मौका देगी | रिबिका अंगारो भरी ज़िंदगी में राघव फूल बरसा पायेगा क्या ? जान ने के लिए प्लीज पड़े मेरी कहानी दो दिल रहे तड़प