शरदपर गांव में रहने वाले नगमा, आशिमा(बहने) और राधेय एक दूसरे के पड़ोसी और बचपन के मित्र है। बचपन में साथ खेल कर बड़े हुए और बड़े होने के बाद राधेय आगे की पढ़ाई के लिए विदेश चला गया था, वहीं आशिमा ने संस्कृत में बीए ऑनर्स करना चुना और नगमा जो इन दोनों से ही 2 साल छोटी है अब भी स्कूल में थी। यह कहानी शुरू होती है इस घटना के तीन वर्ष बाद जब आशिमा का बीए कंप्लीट हो गया था, राधेय अपना बीबीए करके विदेश से वापस आ रहा था और नगमा अब कॉलेज के पहले साल में थी। नगमा के लिए अशनील नाम के लड़के का रिश्ता आया था, वहीं राधेय के लिए प्यार उसके दिल में जगह बना रहा था। अब आगे क्या होगा? हर बार की तरह मां-बाप की इच्छा लड़की के दिल की इच्छा पर भारी पड़ जाएगी या फिर लड़की की इच्छा के अनुसार मिलन होगा नगमा और राधेय का जानने के लिए पढ़ते रहिए "एक प्यार का नगमा है"