कमल नाथ और उनकी पत्नी हेमा ,हाल के सोफे पर बैठे हैं , दोनो ही करीब सत्तर के आस पास हैं ,कमल नाथ और हेमा दोनो ही प्रिंसिपल बन कर रिटायर हुए थे,**!!
कमल नाथ सरकारी कॉलेज के प्रिंसिपल थे ,और हेमा सरकारी स्कूल कि थी , उन्हे दो बेटे थे , बड़ा बेटा सत्येन्द्र अपना बिजनेस करता था ,अच्छी खासी कमाई थी , उसकी पत्नी सीमा जबान की तेज और शातिर दिमाग की थी ,सत्येंद्र के हर काम के पीछे उसी का दिमाग चलता था ,और सत्येंद्र पूरी तरह उसकी मुट्ठी में था , उनके एक बेटा था जिसने अभी अभी दसवीं की परीक्षा दिया था , रिजल्ट आना बाकी था ,**!!
दूसरा बेटा अनिकेत ,एक बैंक में असिस्टेंट मैनेजर था, ,उसकी वाइफ रीना भी उसके साथ ही बैंक में ही कैशियर थी , दोनो का ही लव मैरेज हुआ था , जबकि हेमा को उनका रिश्ता पसंद नही था फिर भी वह बेटे के खातिर मान गई थी ,इन दोनो को एक बेटी थी वह भी अभी नाइंथ में थी , दोनो पति पत्नी में खूब जमता था ,दोनो साथ ही बैंक जाते और साथ ही आते थे घर आने के बाद भी साथ ही बैठे रहते थे ,घर ने मे काम करने के लिए नौकरानी रख रखा था जो चौबीस घंटे घर में हो रहती थी , *"!!
कमल नाथ और हेमा ने मिलकर एक चार कमरे का एक बढ़िया से बंगलो जगह लेकर बना लिया था ,जिसकी कीमत इस समय कम से कम ढाई करोड़ के आस पास थी , जगह भी तो छह सौ गज की थी ,एक छोटा सा गॉर्डन भी बना रखा था ,!!
हेमा ने सत्येंद्र और अनिकेत के बच्चो के लिए समय से पहले वी आर एस ले लिया था , क्योंकि सभी काम पर चले जाते थे तो बच्चे नौकरों के सहारे नही पालना चाहिए इसलिए हेमा ने यह कदम उठाया था ,*"!!
पर जैसे ही बच्चे समझदार हुए सत्येंद्र का बेटा 12 साल का हुआ सत्येंद्र ने जान बूझकर अपना बिजनेस दूसरे सिटी में सिफ्ट कर दिया ,उसने बहाना बनाया की यहां पर बिजनेस ग्रो नही कर रहा है , दूसरे शहर में स्कोप अधिक है , *"!!
उसके दो साल बाद अनिकेत भी वहां से निकल गया उसने और उसकी पत्नी ने जान बूझकर दूसरे ही पास के शहर में ट्रांसफर करवा लिया , क्योंकि मां बाप के साथ रहने पर वह आजादी नहीं मिल रही थी जो उन्हे चाहिए थी , ,*"!!
कमल नाथ और हेमा उनकी सारी चाल समझ रहे थे ,पर क्या बोलते ,अब तक तो पूरा घर का खर्च भी वही दोनो चला रहे थे , दोनो ही बेटे इतने होशियार थे या ये कहें उनकी पत्नियां इतनी होशियार थी की वह अपना एक रुपया खर्च नही करती थी , सब कुछ हेमा और कमल नाथ के पेंशन से ही चलता था , इन लोगो ने अपनी पूरी की पूरी पेमेंट बचा कर जमा करते गए थे , और जब मां बाप को सम्हालने का समय आया तो घर छोड़ गए थे , !!
आज दोनो बेटों को पता चला था की उनके माता और पिता बंगला बेच रहे हैं , यह बात उन्हे पड़ोस के बंगले वाली आंटी ने बात बताया था जिसके पास जाकर सत्येंद्र की पत्नी अपने सास ससुर की बुराई करती थी, उनके सामने तो उसने अपने सास ससुर को पूरा विलेन बना कर रखा था , ,!!
दोनो बेटे पूरे परिवार के साथ हाजिर हो गए थे,*"!!
सत्येंद्र कहता है ," बाबूजी ये मकान बेचने की क्या जरूरत पड़ गई ,पैसे की जरूरत थी तो हमसे कह देते ,*"!!?
अनिकेत कहता है ,*" पैसों की क्या जरूरत है पेंशन तो मिल ही रहा है दोनो को , दोनो का मिलाकर मेरी सैलरी से ज्यादा मिलता है ,*"!!
हेमा कहती है ,"" अब हमसे इतने बड़े मकान की देख रेख नही हो पाती हैं ,और ना ही कोई नौकरानी इसकी रोज साफ सफाई कर पाती है ,इसे बेचकर हम एक दो कमरे का घर ले लेंगे ,*!!
बड़ी बहु कहती है ,*" ये तो अच्छी बात है , दो कमरे का मकान यही तीस चालीस लाख का आ जायेगा , और बाकी पैसे हमे दे दीजिए तो अपना बिजनेस थोड़ा बड़े लेबल पर कर लेंगे ,*"!!
अनिकेत की पत्नी कहती है , *" वाह दीदी , बढ़िया है सब तुम लोग लेकर चली जाओ और यहा हम लोग क्या करेगे ,*"!!
सत्येंद्र कहता है ,*" अरे घर का अपना बिजनेस है ,कोई बाटा है क्या ,दोनो का हिस्सा रहेगा , !!
कमल नाथ और हेमा के सामने दोनो भाई और बहुएं एक दूसरे को खा जाने पर तुले थे , उन्हे पैसों का हिस्सा करने की होड़ लगी थी पर किसी ने ये नही कहा ,की मां पिता का क्या करना है ,*"!!
कमल नाथ और हेमा उन लोगों के झगड़े से तंग आकर कहते हैं ,*" देखो बच्चो ये बंगला हमने बनाया है और अभी भी हमारा है , इसमें तुम लोगो का हमारे रहते कोई हक नही है ,*"!!
उसी समय घर के झगड़े को सुन पास ही के कमल नाथ के पुराने मित्र शंकर जी आ जाते हैं ,वह उनकी बाते सुन रहे थे वह कहते हैं , कमल कुछ मत देना इन्हे देख मेरी हालत बच्चो ने भिखारी जैसा बना दिया है , मेरा ही घर अब मेरा नही है , मेरा बेटा भी मेरा नही रहा , अब उनके टुकड़ों पर कुत्ते की तरह जीता हूं , मैने सब कुछ उन्हे देकर अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार लिया ,तुम ऐसा मत करना ,*"!!
सत्येंद्र शंकर पर भड़क उठता है ,वह कहता है ,*" तुम बुड्ढों को और कोई काम नही है ,चले आते हों दूसरो के घर में आग लगाने , *"!!
अनिकेत तो उन्हे धक्के मारकर बाहर करता है ,!!
वह जाते जाते भी कमल नाथ को इशारा करते हुए जाते हैं , !!
अनिकेत कहता है,*" पापा ,आप दोनो की देखभाल के लिए हम हैं ना ,*"!!
कमल नाथ कहते है ,*" पिछले तीन घंटे से तो देख रहा हूं और पिछले 20 सालो से देख रहा हूं तुम दोनो को ,कोई बात नही अभी मैने मूड बदल दिया है , अभी कुछ दिन और यहीं रहेंगे ,हम लोग टाइम पास के लिए बच्चो का ट्यूशन ले लेंगे , *"!!
दोनो बहुत ही समझाने का प्रयास करते हैं ,पर हेमा और कमल नाथ टस से मस नहीं होते है ,दोनो बहुएं जाते जाते ,पता नही क्या क्या बकवास कर जाती हैं , बड़ी कहती हैं ,*" सब सर पर बांध कर ले जायेंगे इस बुढ़ापे में भी लालच नही जा रहा है ,!!
छोटी कहती है *" रहने दो यहीं सड़ कर मरेंगे ,*"!!!
दोनो बेटों ने एक बार भी अपनी पत्नियों को रोका या टोका नही की टीम दोनो मां पापा से ऐसी बात क्यों कर रही हो ,उनके जाने के बाद दोनो ही वृद्ध पति पत्नी एक दूसरे के गले लग कर खूब रोते हैं ,हेमा कहती है ,*" इस से अच्छा तो बच्चे न होते तो अच्छा होता ,*"!!
पंद्रह दिन के बाद सत्येंद्र को पता चलता है की बंगला तो बिक गया ,तो उसके पैरो तले की धरती जैसे घिसक जाती है , अगले चार घंटे में दोनो भाई इस बार अकेले बंगले पर पहुंचते हैं तो वहा पर रंगाई पुताई का काम चल रहा था ,जिसने बंगला खरीदा था वह कहता है ,*" भाई ढाई करोड़ का बंगला दो करोड़ में मिल गया तो कौन छोड़ता बस अंकल आंटी की एक ही डिमांड थी उनके घर छोड़ने तक किसी को पता नही चलना चाहिए तो उसमे मुझे कोई दिक्कत नहीं हुई,*"!!
दोनो भाई सर पर हाथ मारते है ,तभी उनका पुराने लॉयर का फोन आता है ,वह बताते है ,की दोनो बच्चो के नाम पच्चीस पच्चीस लाख का एफ डी कर गए हैं ,वह भी जब वह 21 ,साल के हो जाएंगे तो उन्हे ही दिया जायेगा , ,*"!!
सत्येंद्र कहता है ,यह दोनो बुड्ढे बुड्ढी गए कहां ,*"!!
एक बड़े से वृद्ध आश्रम में कमल नाथ ,हैं और शंकर एक कॉटेज में बैठे थे , उन्होंने अपना पूरा पैसा आश्रम को दान दे दिया था , आश्रम वाले तो वैसे एक आदमी का 25 लाख रुपए लेकर उनका लाइफ टाइम यानी की जितने भी दिन वह जीवित रहेंगे ,उनके लिए एक नर्स एक सर्वेंट और एक दो कमरे का कॉटेज उनको दे दिया था,
कमल नाथ शंकर की हालत देख उसे भी साथ ले आए थे ,यहां इनकी जिंदगी बहुत अच्छी हो गई थी ,है काम समय पर था , जिसको जो करना हो करे जिसे गर्डनिंग का शौक हो उनके लिए गार्डन और छोटे खेत बना रखे थे , गाय भी थी ,और भी बहुत सारी व्यवस्था थी , तीनो बहुत खुश थे, यहां उन्हे किसी बात की टेंशन नही थी ,*"!!