सही मायने में हम कह सकते है कि भारत बदल रहा है . यकीं नहीं आता है न ! अगर हम हर पहलू पर गौर करें तो यह पाएंगे की हम आज काफी आगे निकल रहे हैं. आज हम शिक्षा के क्षेत्र में देखें , करिअर के क्षेत्र में देखे मानसिक या फिर आर्थिक, आज जिंदगी के हर क्षेत्र में बदलाव आ रहा है . अगर हम एक एक कर हर पहलू पर गौर करें तो यह हमारे पाठकों के लिए सुविधाजनक होगा.
शिक्षा के क्षेत्र मे बदलाव - आज हमारे देश की युवाशक्ति बहुत ही बदल चुकी है . अगर हम पहले की बात करें तो हमारे पास शिक्षा के अवसर भी सीमित थे . पर आज बात अलग है . आज उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न विकल्प हैं . जैसे पहले जिन क्षेत्र को लोग सिर्फ शौक समझते थे , आज वे उन क्षेत्र में प्रशिक्षण लेकर उनमे करियर बना सकते हैं. और तो और अब इंटरनेट के माध्यम से वो किसी भी देश से डिग्री ले सकते हैं.
करियर के क्षेत्र में बदलाव - पहले जहाँ सरकारी नौकरी और कुछ प्रशासनिक नौकरियां ही थे, आज प्राइवेट सेक्टर में उनके लिए बेहतर विकल्प हैं . उन्हें अच्छे पैकेज मिल रहे हैं और दुनिया के विभिन्न देशों में जाकर करियर बनाने का अवसर मिल रहा है.
राष्ट्रीय आय में महिलायों का बढ़ता योगदान - आज भारत में हर क्षेत्र में महिलायों के लिए काफी अवसर हैं. वो चाहे कोई भी क्षेत्र हो महिलाएं आगे बढ़कर अपना योगदान दे रही हैं . अगर हम पहले की बात करें तो पहले ऐसा नहीं था . महिलाएं सिर्फ घरेलू कामकाज में ही व्यस्त रहती थीं . आज बात अलग है , जिंदगी के हर क्षेत्र में महिलाएं बराबर का योगदान दे रही हैं .और अपने अधिकार के लिए आवाज़ भी उठा रही हैं.
बाज़ार का बदलता स्वरुप - यह सच है की आज हमारा बाज़ार भी बदल गया है . जहाँ एक ओर गांव और शहरों में छोटे छोटे बाज़ार या हाट लगते थे आज उनकी जगह मॉल ने ले लिए हैं. अब हम दुनिया के किसी कोने कोई भी चीज़ जो हमें पसंद आ रही हो , वो खरीद पा रहे हैं . इंटरनेट के द्वारा आज यह संभव है. आज जरूरत की छोटी से छोटी चीज़ हो या बड़ी से बड़ी आज वो ऑनलाइन उपलभ्द है. साथ ही एक सामान खरीदने के लिए हमारे पास बहुत सारे विकल्प हैं . इससे यह फायदा होता है की उपभोक्ताओं तक बेहतर उत्पाद कम कीमत में पहुँचती है.
सामाजिक बदलाव - हर तरह के बदलाव के साथ साथ आज भारत में सामाजिक बदलाव हो रहे हैं. हमारा समाज बदल रहा है . जहाँ पहले लड़के लड़कियों में भेदभाव देखे जाते थे आज यह सब ख़त्म होता जा रहा है. आज हमरे समाज में बेटियोँ को भी बराबर के अवसर मिल रहे हैं. शादी के बाद भी उन्हें नौकरी करने की या अपने पैरों पर खड़ा होने की चाहत को लोग समझ रहें हैं . रिश्तों में भी काफी बदलाव देखने को मिल रहें हैं, जैसे पहले पिता एक परिवार के मुखिया के रूप में पहचाने जाते थे . आज वो बच्चों के दोस्त बनकर जिंदगी का और रिश्तो का मज़ा ले रहे हैं. पहले जहाँ सास बहु का रिश्ता एक चिंगारी की तरह हुआ करता आज वो एक दूसरे की दोस्त बनना चाहती हैं.
तो इस तरह से हम कई तरह के बदलाव देखते हैं . लेकिन जिंदगी चलती रहती है , और इसी चलने का नाम जिंदगी है.