कम स्तर की, अचानक, लेकिन सतत हिंसा: इस्लाम का सबसे ख़तरनाक हथियार (Low level, random, but unceasing violence: the deadliest weapon of Islam)
एक विडीओ वाइरल है सोशल मीडिया पर। कुछ मुसलमान बच्चे गणेश जी की प्रतिमा पर पत्थरबाज़ी करते CCTV कैमरे में रिकार्ड हुए है। ये तो बच्चे है, कुछ समय पहले एक अन्य विडीओ में वयस्क मुसलमान मंदिर में आरती करती महिलाओ पर पत्थरबाज़ी करते CCTV कैमरे में क़ैद हुए थे।
एक अवसर पर एक भूतपूर्व पुलिस अधिकारी हमारे कार्यालय में आए थे। एक सहकर्मी खड़े हुए व कहा," मेरा मोबाइल जेब से निकाल लिया गया। चोर CCTV कैमरे में दिख रहे है, क्या करूँ?"
"Purchase a new mobile, and get on with life." पुलिस अधिकारी ने उत्तर दिया।
फिर उन्होंने स्पष्ट किया,"हमारे पास संसाधन सीमित होते है। सबसे पहले हम हत्या, बलात्कार सुलझाने की कोशिश करते है, फिर डकैती, चोरी, बंदोबस्त.......आपके मोबाइल का नम्बर कभी आएगा ही नहीं।"
मो बाबा ने ये रहस्य 1400 साल पहले जान लिया था: हिंसा को इतना कम रखो कि सारे काफ़िर एक साथ न जाग पाए, लेकिन कोई अकेला काफ़िर जो इस समय पीड़ित है मुसलमान की हिंसा से, वो सो भी न पाए।
एक दिन कम स्तर की लेकिन सतत हिंसा से वो काफ़िर थक जाएगा, मकान मुसलमान को ही बेचकर वहाँ से निकल लेता है (कोई काफ़िर तो वहाँ ख़रीदेगा नहीं।) फिर अगले काफ़िर पर शुरू हो जाओ।
उदाहरण के तौर पर, कोई भी पिता अपनी बेटी को छेड़ने वाले व्यक्ति का वध कर सकता है, लेकिन कोई भी पिता ऐसी जगह नहीं रहना नहीं चाहेगा जहाँ उसे जब भी उसकी बेटी घर से बाहर जाए, उसे किसी का वध करना पड़े। मनुष्य इस जीवन की कल्पना नहीं करता। मुसलमान हिंसा द्वारा समाज का सबसे मूल सिद्धांत नष्ट करता है-कि कोई दूसरे व्यक्ति के विरुद्ध हिंसा का प्रयोग नहीं करेगा।
बच्चों द्वारा गणेश जी की प्रतिमा पर पथराव को फिर देखिए। बच्चे हिंसा में प्रशिक्षित है: पहले बक़ायदा रेकी करते है, फिर आते है और पथराव कर भाग जाते है। हिंदू प्रतिकार करेंगे तो दुष्ट लगेंगे- बिना हिंसा प्रतिकार नहीं हो सकता और बच्चों को विरुद्ध हिंसा का कौन समर्थक कर सकता है? लेकिन पथराव से हिंदू अपमानित हुए, उनके अंदर कुछ टूटा। यही मुसलमान करता है: हिंसा उतनी रखता है कि आप प्रतिकार न करे, लेकिन ज़रूर रखता है कि हिंसा से आपका सामान्य जीवन असम्भव हो जाये।
आपकी गाड़ी के टायर काट देगा, आपके घर के सामने मुर्ग़ी का माँस फेंक देगा, दो चार लड़के आपके घर के सामने खड़े होकर आपकी आती जाती बेटी को घूरेंगे।
इन सब के लिए कहाँ पुलिस आएगी ?
और आप? मार पीट करने के लिए आपने घिसकर IIT में पढ़ाई थोड़े की थी। और टायर काटने पर पुलिस नहीं आएगी लेकिन टायर काटने वाले का हाथ तोड़ने पर तो आएगी ही।
Victim play करने में भी तो माहिर है मुसलमान।
इसीलिए कश्मीर ख़ाली हो जाता है, कैराना ख़ाली हो जाता है, केरल व बंगाल ख़ाली होने को है।
काफ़िर या तो मुसलमान की इस कम स्तर की, अचानक, लेकिन सतत हिंसा का हल ढूँढ ले जल्द, या धरती ख़ाली करने को तैयार रहे।
कहाँ जाएँगे ?
ध्यान से सोचना!!!
Source-dr Amitabh Kumar