बंधे बंधे से साथ चलें ...मैं अक्षर बन चिर युवा रहूं, मन्त्रों का द्वार बना लो तुम,हम बंधे बंधे से साथ चलें, मुझे भागीदार बना लो तुम.जीवन की सारी उपलब्धि, कैसे रखोगे एकाकी? तुमको संभाल कर मैं रखूँ, मेरे मन में जगह बना लो तुम.कोई मुक्त नहीं है दुनिया में, ईश्वर, भोगी या संन्यासी,प्रिय! कैसे मुक्