कविता
कविता..... कविता ! तू मेरे मन की कसकतू है उमंग अरमानों की,शब्दों में तरल तरंगित होबहती दिल में, दीवानों की....कभी टीस ह्रदय की बन करके उद्वेलित करती मन, विचार,कभी करुणा, दया, स्नेह लेकरबिखराती स्नेहिल, मृदुल प्यार...कभी रौद्र रूप, कभी घ्रणित भेष,कभी वीर शब्द के चमत्कार,कभी शांत कभी, श्रृंगार कभी कभी