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बसंत सी हँसी तेरी

14 जुलाई 2022

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बसंत सी हँसी तेरी

जब आये मादकता फैलायें

नीरव से,गुमसुम गुलशन में

कितनी कलियाँ खिल जायें।

गुंजार करते भंवरे मनमोहक

जब कलियों पर मंडरायें

तेरी हँसी की स्निग्धता

जीवन को सरस बनायें।

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बहुत सुन्दर ... रचनाओं के कमान से शब्दों की तीर बने पहचान आपकी, इसके लिए हार्दिक शुभकामनाएं!

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15 जुलाई 2022

आपकी अमूल्य शुभेच्छाओं हेतु हार्दिक आभार

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