पीहू आज अपने घर के सामने
वाले फ्लैट में जाती है जहाँ पर एक औरत दरवाजा खोलती है।बातों-बातों में पता चलता है कि उसके दो बच्चे हैं और पति
किसी बैंक में नॉकरी करते हैं।अब पीहू को वो औरत बताती है कि बहुत समय से ये फ्लैट
बन्द ही पड़ा है।बहुत साल पहले यहाँ एक लड़की आती रहती थी फिर अचानक से दिखना बन्द हो
गई।इससे ज्यादा पीहू कुछ नही जान पाती है।
अब पीहू ओर भी दो-एक घरों
में पता करती है लेकिन कुछ खास पता नही चल पाता है।इस तरह से इसी परेशानी में ही समय
गुजरने लगता है।हादसे होते रहते है लेकिन पीहू किसी से कुछ भी नही कह पा रही थी।
अब अगले ही दिन नीरज का जन्मदिन
होता है और पीहू रात को 12बजे उसे मुबारकबाद देने की प्लानिंग करती है।वो बाजार जाकर
सुंदर से दिल के आकार का केक लेकर आती है।घर के दूसरे कमरे को अच्छे से सजाकर कमरा
बन्द कर देती है।जब रात को नीरज सो जाता है तो उसे सरप्राइज देने के लिए वो सुंदर सी
आज पहली बार वेस्टर्न ड्रेस पहनती है और दूसरे कमरे में केक रख कर नीरज को उठने के
लिए बेडरूम में आती है।वो जैसे ही नीरज को उठाने लगती है कि तभी शीशे में से आवाज आती
है दीदी।
पीहू मुड़कर शीशे की ओर देखती
है लेकिन उसे कुछ दिखाई नही देता है।वो जैसे जी जाने लगती है फिर से आवाज आती है, “दीदी”
अब पीहू डर जाती है और धीरे-धीरे
उस शीशे के पास बैठ जाती है!वो जैसे ही शीशे की तरफ देखती है कि तभी उसे उस शीशे में
एक लड़की का चेहरा दिखाई देता है।पहली बार आज पीहू छाया का चेहरा शीशे में देख पा रही
थी,डर के मारे उसकी धड़कने बढ़ गई थी और आवाज उसके अंदर ही घुट कर रह गई थी।पीहू एक शब्द
भी नही बोल पाती है और बेहोश हो जाती हैं।
सुबह पीहू की आँख खुलती है
तो वो देखती है कि वो नीरज की बाहों में सो रही है और उसने गुलाबी रँग की खूबसूरत
सी नाइटी पहनी हुई है।वो उठती है तो साथ ही नीरज उठ जाता है और उसके माथे पर किस करके
कहता है “गुडमार्निंग पीहू तुमने रात मुझे इतना अच्छा सरप्राइज दिया कि मैं बता नही
सकता कि कितना खुश हूँ मैं”।
पीहू को कुछ समझ नही आ रहा
कि उसके साथ ये क्या हो रहा है।वो नीरज से कहती है “नीरज कैसा सरप्राइज?
देखो अब बनो मत,इतना सुंदर
केक,वो फूलों से सजा हुआ कमरा और इस नाइटी में तो तुम कहर ढा रही थी रात।नीरज उसे कहता
है जिसे सुनकर पीहू हैरान हो रही थी।क्योंकि पीहू ने तो वेस्टर्न ड्रेस पहनी थी फिर
ये नाइटी कहाँ से आई?
अब वो अपनी नाइटी को देखते
हुए बोलती है नीरज ये नाइटी??????
तुमने ही तो कल शाम को फ़ोन
करके मगवाई थी,कैसी लगी?मैंने जब शाम को तुम्हे दी तो उस समय तुमने कुछ नही कहा मुझे
लगा तुम्हे पसन्द नही आई।मगर रात को जब तुमने मुझे उठाया और हम दोनों ने मिलकर मेरे
जन्मदिन का केक काटा तो तुम्हे इस नाइटी में देख कर मैं तो बस देखता ही रह गया।
पीहू को कुछ समझ नही आ रहा
था कि उसके साथ क्या हो रहा है वो सोचते-सोचते थक जाती है और फिर नीरज से कहती है आज
मेरी तबियत बहुत ज्यादा खराब है प्लीज एक कप चाय बनादो।
आज पहली बार पीहू ने नीरज
को चाय के लिए बोला इसीलिए उसे कुछ अजीब लगता है क्योंकि हमेशा ही वो सुबह जल्दी नहाकर
चाय खुद बनाकर ही नीरज को उठाती थी।
नीरज चाय बनाकर ले आता है
और पीहू से परेशानी का कारण पूछता है।
तब पीहू उसे कहती है रात की
कोई भी बात मुझे क्यों नही याद आ रही है?
अरे बस इतनी सी बात,वो इसीलिए
क्योंकि रात तुमने पहली बार मेरे साथ वाइन जो पी थी इसीलिए नशे की वजह से तुम्हे कुछ
याद नही है।
लेकिन आप तो जानते हैं कि
मुझे ऐसी शराब जैसी चीजों को हाथ लगाना भी नही पसन्द फिर मैं कैसे पी गई?अब पीहू ओर
भी ज्यादा हैरान हो जाती है।
अरे पीहू क्या हुआ जो पी भी
ली?इन बड़े-बड़े शहरों में ये आम बात है!चलो अब चाय पियो और थोड़ा आराम करो तभी तुम्हारी
तबियत ठीक होगी।
अब दोनो खामोशी से चाय पीने
लगते हैं।
दोनों एक साथ बैठ कर चाय पीते
हैं और पीहू भी बिल्कुल खामोश रहती है।नीरज को महसूस होता है कि पीहू कुछ परेशान है
इसीलिए वो पीहू को तैयार होने को कहता है।