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भाग-5

10 अक्टूबर 2021

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डॉक्टर के जाने के बाद नीरज पीहू को गले लगा लेता है और उस दिन की छुट्टी ले लेता है।

 

पीहू को आज माँ बनने की बिल्कुल भी खुशी नही है।लेकिन नीरज आज उसका पूरा ख्याल रखता है!वो पीहू को  पाँव भी जमीन पर नही रखने देता!तभी उसे याद आता है कि डॉक्टर ने पीहू को ताजा फलों का जूस पीने को कहा है।ये सोचकर  वो पीहू को बोलकर जूस लेने बाजार चला जाता है।

 

पीहू अकेली उदास सी डरी हुई बैठी है कि तभी वो देखती है की छाया शीशे में से निकल कर उसके सामने आ जाती है।हर बार जब भी छाया उसके सामने आती थी तो रात को आती थी।सुबह तक पीहू सब भूल जाती थी।लेकिन ये आज पहली बार है जब दिन में ही पीहू के सामने छाया बाहर आई है।

 

 

पीहू उसे देखकर डर जाती है और खुद में ही सिमट कर खामोश सी बैठ जाती है।अब छाया उसे कहती है “पीहू मुझसे डरो नही क्योंकि अब तुम्हे मेरी आदत डालनी होगी”।

 

ये क्या कह रही हो तुम?कौन हो और क्यों मुझे परेशान कर रही हो?पीहू एक ही साँस में कई सवाल छाया से पूछ लेती है।

 

मैं छाया हूँ और ये जो तुम्हारी कोख में बच्चा है ये मेरा और मेरे नीरज का है।इसीलिए इस बच्चे का ख्याल रखने के लिए मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूँगी।तुम्हे मेरे बच्चे का ख्याल रखना होगा नही तो मैं तुम्हे कच्चा खा जाऊँगी।

 

पीहू उसकी बात से बहुत घबरा जाती है और फिर से बेहोश हो जाती है।

 

कुछ ही देर में नीरज आता है तो देखता है कि पीहू बेहोश है।वो पीहू को ऐसी हालत में देखकर डर जाता है और उसे उठाने की कोशिश करता है।लेकिन जब पीहू नही उठती तो नीरज ताजे पानी की छींटे उसके चेहरे पर मारता है।पानी की छींटों से पीहू उठ जाती है और कहती है नीरज वो आई थी अभी।

 

कौन,कौन आई थी,नीरज भी बहुत हैरान होकर पूछता है।

 

नीरज इस बच्चे की माँ छाया,मुझे नही रखना इस बच्चे को ये मेरा नही उस डायन का बच्चा है।तुम उठो,चलो मेरे साथ,पीहू के बाल बिखरे हुए थे और वो पागलों की तरह कर रही थी।

 

लेकिन कहाँ जाना है?नीरज हैरान होकर पूछता है।

 

मुझे अभी के अभी  एबॉर्शन करवाना है,अगर ये बच्चा जिंदा रहा तो क्या होगा हम सबका?पीहू रोए जा रही थी।

 

तुम पागल हो गई हो पीहू?तुम हमारे बच्चे को मारने का सोच भी कैसे सकती हो?नीरज उसे गुस्से में कहता है।

 

अगर हमारा होता तो नही सोचती,लेकिन ये हमारा नही उस छाया का बच्चा है!ये कहकर पीहू जोर-जोर से रोने लगती है।

 

नीरज को पीहू की दिमागी हालत कुछ ठीक नही लगती है इसीलिए वो फोन करके दुबारा से डॉक्टर को बुला लेता है।

 

कुछ ही देर में डॉक्टर आकर नींद का इंजेक्शन लगा देता है और पीहू सो जाती है।

 

अब नीरज उसके करीब ही बैठा रहता है और उसकी मानसिक हालत की बारे में सोचता रहता है।

 

दूसरी ओर,छाया शीशे में बैठी सब कुछ देख रही है और मुस्कुरा रही है।अब वो पीहू की ओर देख कर कहती है मेरे बच्चे तू इस दुनिया मे आने वाला है,तेरी माँ तेरा बेसब्री से इन्तेजार कर रही है।छाया के चेहरे पर बहुत खुशी है लेकिन नीरज पीहू की तबियत का सोच-सोच कर उदास है।

 

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